शोमैन राज कपूर क्यों हुए हर्षिल पर फ़िदा ? : आपने राम तेरी गंगा मैली फिल्म का अगर वो गीत देखा हो जो एक्ट्रेस मन्दाकिनी पर झील में फिल्माया गया था तो एक खूबसूरत गाँव भी याद आ जायेगा जो शो मैन राजकपूर को इतना पसंद आया कि इस लोकेशन पर उन्होंने पूरी फिल्म ही उतार दी। आज हम आपको उत्तराखंड के उसी दिलकश हिल स्टेशन हर्षिल ले चलेंगे। बेहद खूबसूरत है रोचक किस्सों और मान्यताओं से समृद्ध पहाड़ की दुनिया , आप यहां जरूर जाएं घूमने क्योकि घूमने के साथ-साथ प्रकृति की खूबसूरती का मज़ा उठाना चाहते हैं तो उत्तराखंड का हिल स्टेशन हर्षिल यादगार ट्रिप साबित होगा ।
बर्डवॉचर्स के लिए बेस्ट है जगह
पहाड़ों पर छुट्टियां मनाने की योजना बना रहे हैं, तो हमारा सुझाव है कि ऐसी जगह चुनें जहां भीड़भाड़ कम होती है, ताकि आप एक क्वॉलिटी टाइम बिता सकें, अकेले और परिवार के साथ भी। हर्षिल, हिमालय की तराई में बसा एक गांव, जो चुम्बकीय शक्ति का आभास कराता है। एक बार आप वहां पहुंच गए तो यह बिना किसी किन्तु-परंतु के आपको अपनी तरफ़ खींचता ही रहता है। हर्षिल पहुंचकर आप मानो सपनों की दुनिया में पहुंच गए हों। पहाड़ पसंद लोगों के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। यहां की फिजाओं में अलग तरह की मादकता है।
हर्षिल का इतिहास
हर्षिल की खोज ईस्ट इंडिया कंपनी में काम करने वाले अंग्रेज़ फ़ेड्रिक विल्सन ने की थी। यह जगह उन्हें इतनी पसंद आई कि वो अपनी नौकरी छोड़कर इस जगह पर रहने लगे। कहा जाता है कि टिहरी राजा से उन्होंने शरण मांगी लेकिन उन्हें बहुत कुछ ज्यादा मदद टिहरी रियासत से नहीं मिली इसके बाद विल्सन घूमते-घूमते उत्तरकाशी के हर्षिल घाटी में पहुंच गए , यहाँ की जगह उन्हें भा गयी. हर्षिल में रहते रहते हुए उन्होंने ने गुलाबो देवी से शादी कर ली.विल्सन हर्षिल में ही बस गये..रोज शिकार करते.. इसके साथ ही विल्सन ने बाद में देवदार की लकड़ी का व्यापार भी शुरू कर दिया था विल्सन ने उसके बाद हर्षिल में तरह-तरह की खेती राजमा सेब और कई उत्पादों को विकसित किया जो कि आज भी हर्षिल की पहचान के रूप में जाने जाते हैं…
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भूलियेगा नही मुखबा गांव जाना
हर्षिल से मुखबा गांव की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है। हजारों फीट की ऊंचाई पर स्थित यह गांव अद्भुत नजारों के लिए प्रसिद्ध है। यहां प्रकृति की खूबसूरती को देखते हुए बहती हुई ठंडी हवा की आवाज़ महसूस कर सकते हैं। यहां आप बर्फ़बारी का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। कई लोग इस जगह को देवी गंगोत्री का घर भी मानते हैं।
हिल स्टेशन पंगोट है घूमने के लिए बेस्ट
अगर हर्षिल प्राकृतिक खूबसूरती और गंगोत्री नदी के लिए प्रसिद्ध है, तो बर्ड वॉचर्स के लिए के लिए भी यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। हर्षिल के घने जंगलों में पक्षियों की एक वृहद संख्या है। कहा जाता है कि यहां 5 सौ से भी अधिक पक्षियों की प्रजातियां मौजूद है। इन हजारों पक्षियों की मधुर आवाज यक़ीनन आपकी यात्रा को एक यादगार पल में तब्दील कर देंगे।
गंगनानी
इस जगह को गंगा जी के नानी का घर माना जाता है और साल में एक बार गंगा जी अपनी नानी के घर आती हैं। इसके अलावा यहां पर एक गर्मपानी का कुंड हैं, जहां पर महिलाओं और पुरुषों के स्नान के जिए जगह भी बनाई गई है। इस जगह पर आप ऋषिकेश से आगे बढ़ते समय ही जाएं। यहां से हर्षिल 26 किलोमीटर रह जाता है।
मुखवास को गंगा जी का घर माना जाता है। यह हर्षिल से एक किलोमीटर दूरी पर स्थित एक बेहद सुंदर गांव है। दीपावली के दो दिन बाद गंगोत्री धाम का कपाट बंद होने के बाद गंगा जी को यहां के मंदिर में विराजमान किया जाता है। हर्षिल में इस गावं को सेब का भंडार कहा जाता है। यहां आपको हर तरफ सेब ही सेब की खेत दिखाई देंगे। अगर आपको सेब के बगीचे में घूमने के साथ-साथ मीठे सेब का आनंद लेना हो तो बगोरी गांव ज़रूर पहुंचें। हर्षिल में मौजूद झील में भी आप नौका विहार का आनंद उठा सकते हैं।