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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीबीआई के वॉयस टेस्ट के लिए दिल्ली जाने से किया इंकार : जानिए पूरा मामला

How are there delays and challenges in investigating voice samples in Harish Rawat's sting case?

उत्तराखंड : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सीबीआई की तरफ से वॉयस टेस्ट देने के लिए सीबीआई हेडक्वार्टर बुलाए जाने का जिक्र किया है।

उन्होंने कहा है कि वह घायल हैं और कुछ समय तक इलाज और जांच कराने के कारण दिल्ली तक की यात्रा करने में सक्षम नहीं हैं।

जानकारी के अनुसार, हरीश रावत ने कहा है, “आज अपने वकील के माध्यम से अपने निवेदन को सीबीआई तक पहुंचाऊंगा।” यानी हरीश रावत स्टिंग केस में वॉयस सैंपल देने दिल्ली नहीं जा रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “सीबीआई ने आज मुझे दिल्ली अपने हेडक्वार्टर में वॉइस टेस्ट देने और कुछ प्रारंभिक जांच के लिए बुलाया है।

जब जौलीग्रांट हिमालयन हॉस्पिटल में मुझे यह नोटिस सर्व किया जा रहा था, तो मैंने उसी नोटिस में यह भी लिख दिया था कि शायद मैं एकाध महीने तक घंटों बैठकर जांच और इतनी लंबी यात्रा के लिए सक्षम नहीं रहूंगा।”

ये है स्टिंग मामला : साल 2016 में उत्तराखंड में हरीश रावत की सरकार के दौरान राजनीतिक भूचाल आ गया था। कांग्रेस के 10 विधायकों ने हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी।

ये विधायक बीजेपी से जा मिले थे। इसी दौरान एक सनसनीखेज स्टिंग सामने आया था। स्टिंग के वीडियो में हरीश रावत कथित तौर पर कुछ डीलिंग कर रहे हैं।

ऐसा आरोप लगाया गया था। इसी मामले में सीबीआई स्टिंग से जुड़े लोगों और आरोपियों की आवाज का मिलान कर रही है।

हरीश रावत ने कहा, ” कल मैंने लिखित तौर पर भी आवेदन सीबीआई के हेडक्वार्टर में भेज दिया है।

आज मैं अपने अधिवक्ता के माध्यम से भी इस निवेदन को सीबीआई तक पहुंचाऊंगा। मेरे कई मित्र सुबह से मुझे टेलीफोन कर अपनी चिंता कर व्यक्त कर चुके हैं।

मैं अपने शुभचिंतकों से यह अवश्य आग्रह करना चाहूंगा कि वो लोगों से इस बात की चर्चा करें कि आखिर हरीश रावत पर किस अपराध के लिए सीबीआई की जांच हो रही है।

यदि मामला दल-बदल को लेकर के है तो दल-बदल करने वाले अब और दल-बदल कर चुके हैं, और जब तक यह मामला अपने तार्किक परिणीति तक पहुंचेगा, तब शायद कुछ और करवटें भी इस सारे प्रकरण में दिखाई देंगी।

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