उत्तराखण्ड

प्रदेश में नीति आयोग की तर्ज पर “स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड” (सेतु) का गठन। । मुख्यमंत्री

इस संस्था के माध्यम से सरकार नए एजेंडे की तैयारी करेगी जो नागरिकों के विकास और कल्याण की सामाजिक और व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए होगा।

इससे सरकार सशक्त उत्तराखंड के लक्ष्यों को साधने में मदद कर सकती है और उत्तराखंड को प्रत्यक्ष और उत्तदायी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके पारदर्शिता सुनिश्चित कर सकती है।

उत्तराखंड सरकार ने राज्य योजना आयोग को समाप्त कर दिया है और नए उत्तराखंड के भविष्य को साधने के लिए सेतु (State Institute for Transforming Uttarakhand) की स्थापना की गई है।

इसका अध्यक्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रहेंगे। सेतु उत्तराखंड सरकार की नीति और योजनाओं के विकास में काम करने जैसे एक थिंक टैंक की तरह काम करेगा। इसके तहत नियोजन मंत्री उपाध्यक्ष और तीन सलाहकार भी नियुक्त होंगे।

सेतु का एजेंडा उत्तराखंड के नागरिकों के विकास और कल्याण की सामाजिक और व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जाएगा।

इससे सरकार को प्रत्यक्ष और उत्तरदायी बनाने, प्रौद्योगिकी का उपयोग करके पारदर्शिता सुनिश्चित करने, एवं समन्वय, सामुदायिक भागीदारी और नेटवर्किंग को प्रभावी उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

सेतु के गठन के बाद उत्तराखंड को अपने विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी और यह राज्य के विकास और प्रगति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

उत्तराखंड सरकार का यह एजेंडा नागरिकों के विकास और कल्याण की सामाजिक और व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

इसे सफल बनाने के लिए सरकार कुछ मुख्य उपायों पर ध्यान दे रही हैं।

प्रौद्योगिकी का उपयोग: सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि विकास और कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी का सक्रिय उपयोग किया जाएगा।

इससे सरकार स्थानीय विकास कार्यों को स्थानीय लोगों के आकांक्षाओं और जरूरतों के अनुसार नियंत्रित कर सकती है और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में सुधार कर सकती है।

पारदर्शिता: सेतु के माध्यम से सरकार ने पारदर्शिता को सुनिश्चित करने का उद्देश्य रखा है। यह संबंधित निर्णयों और कार्रवाईयों को सार्वजनिक और स्पष्ट बनाने में मदद करेगा और लोगों के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देगा।

समन्वय, सामुदायिक भागीदारी और नेटवर्किंग: सरकार उत्तराखंड के विकास में समन्वय, सामुदायिक भागीदारी और नेटवर्किंग को बढ़ावा देने का प्रयास करेगी।

इससे उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों के बीच समंवय बढ़ेगा और सामुदायिक भागीदारी से नए समस्याओं का समाधान हो सकेगा।

यह सभी उपाय साथ मिलकर उत्तराखंड के विकास और सामाजिक कल्याण को गति प्रदान करेंगे और राज्य को सशक्त बनाने में मदद करेंगे।

सेतु के गठन के साथ, उत्तराखंड की सरकार ने यह संकल्प दिखाया है कि वह नए समय के साथ समर्थ और प्रगतिशील उत्तराखंड का निर्माण करने के लिए तैयार है।

उत्तराखंड के सामर्थ्यशाली एवं विकसित बनाने के लिए सरकार ने एक नए अभियान का शुभारंभ किया है।

इस अभियान के तहत, उत्तराखंड सरकार ने सेतु की स्थापना को राज्यपाल के अनुमोदन से मंजूरी दे दी है।

सेतु का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक सशक्त बनाना है।

इसके तहत सेतु राज्य की नीति एवं योजना को तैयार करेगा और उन्हें अमलीभूत बनाने के लिए नेतृत्व करेगा।

सेतु मुख्यमंत्री के अध्यक्षता में काम करेगा और उसमें नियोजन मंत्री के उपाध्यक्ष और तीन सलाहकार भी नियुक्त होंगे।

सेतु को राज्य की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए उच्च स्तरीय नियोजन और समन्वय का काम करने की जिम्मेदारी दी जाएगी।

इसके माध्यम से उत्तराखंड सरकार विकास के लक्ष्य को साधने के लिए विभिन्न संस्थानों, समुदायों और स्थानीय निकायों के साथ सहयोग करेगी और सभी विकास कार्यों में पारदर्शिता और समानता का पालन करेगी।

यह सेतु के गठन का निर्णय उत्तराखंड के समृद्धि और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और यह राज्य को आगामी वर्षों में एक सशक्त राज्य के रूप में स्थापित करने में मदद कर सकता है।

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