देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड भी महिलाएं के लिए सुरक्षित नहीं है. उत्तराखंड में महिलाएं के साथ हो रहे आपराधिक मामले कम होने के बचाए बढ़ते जा रहे हैं।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़े कुछ इसी तरफ इशारा कर रहे हैं।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार 2020 के मुकाबले 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 585 ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में साल 2020 में महिलाएं के खिलाफ हुए अपराध के कुल 2846 मामले दर्ज किए गए थे।
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वहीं साल 2021 में ये आंकड़ा बढ़कर 3431 हो गया. उत्तराखंड में साल 2021 में रेप के 534 मामले दर्ज किए गए (Rape with women in Uttarakhand) थे।
वहीं साल 2020 में ये आंकड़ा 487 था. इसके अलावा महिलाएं के अपहरण के 402 मामले दर्ज किए गए हैं।
2021 में महिलाएं घरेलू हिंसा का भी काफी शिकार हुईं हैं. उत्तराखंड में महिलाओं के साथ हुई घरेलू हिंसा के 519 केस सामने आए हैं. हालांकि घरेलू हिंसा के मामले में थोड़ी कमी जरूर आई है।
साल 2020 में लॉकाडाउन के दौरान उत्तराखंड में घरेलू हिंसा के मामले साल 2021 के मुलाबले ज्यादा देखने को मिले थे. घरेलू हिंसा में पति या फिर किसी रिश्तेदार द्वारा प्रताड़ित करने का मामला सामने आता है।
उत्तराखंड में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के अधिकांश मामले “महिलाओं पर उनकी शील भंग करने के इरादे से हमला” (655 मामले), उसके बाद बलात्कार (534 मामले), ‘पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता’ (519 मामले) और ‘अपहरण और अपहरण’ के तहत दर्ज किए गए थे।
उत्तराखंड में दहेज उत्पीड़न के मामले भी बढ़े हैं. साल 2021 में उत्तराखंड में दहेज उत्पीड़न 72 मुकदमें दर्ज किए है, जबकि साल 2022 में दहेज उत्पीड़न के 65 मामले दर्ज किए थे।