Uncategorized

उत्तराखंड में सख्त होगा, भू-कानून में प्रस्तावित व्यवस्था लागू.

पहाड़ में सदियों पुरानी चकबंदी कराने की प्रतिबद्व्रता व दिख रहा हैं और भू-कानून में संसोधन का मसौदा सीएम को मिल चुका हैं। और आम नागरिक को संहिता का ड्राफ्ट भी तैयार किया जा रहा हैं ।

उत्तराखंड में भू-कानून में संशोधन की मांग तेजी से हो रही हैं और इस मामले में सीएम धामी के सामने इतिहास रचने का पूरा मौका हैं अगर सीएम धामी भू-कानून समिति की सिफ़ारिशे करते हैं तो भू-कानून पूर्व सीएम खंडूरी के समय से भी सख्त हो सकता हैं।

इससे उत्तराखंड के अन्य राज्यों में जमीन (खेती) का जो बंदरबांट किया जाता हैं फिर उसपे भी रोक लग जाएगी. और फिर उत्तराखंड के अन्य राज्यों में जो लोग भूमिहीन करते हैं भू-कानून से हमे भूमिहीन भी देखने को नहीं मिलेगी।

जिससे कि हमारे राज्य में भूमाफिया हैं उनसे हमारी जमीन बच पाएगी अगर उत्तराखंड में भू-कानून समिति कि सिफ़ारिशों को लागू किया गया फिर ये बंदरबांट कोई नहीं कर सकता।

उत्तराखंड में अभी भी लोग नगर निगम सीमा से बाहर ग्रामीण क्षेत्र में बाहरी लोग 250 वर्ग मीटर भूमि से अधिक जमीन नहीं खरीद सकते है और भू-कानून कि खामियों के कारण अन्य लोग इससे खेल समझ कर खेल रहें हैं।

भू-कानून में नए प्रस्तावित में ये जो खेल चल रहा आ रहा हैं उसको बंद करने का इंतजाम किया जा रहा हैं।

उत्तराखंड के सभी परिवार के लोगों का आधार नंबर राजस्व खाते से लिंक करना हैं और फिर फर्जीवाड़ा को रोका जा सकता हैं।

उत्तराखंड में इसी तरह बड़ी-बड़ी जमीने घेरने वालों पर भी नकेल कसने का प्रावधान किया हैं। अगर इन जामिनो में अन्य प्रकार के उद्योग या अन्य गतिविधि होती हैं तो राज्य में 70 प्रतिशत रोजगार सभी स्थानीय लोगो को रोजगार सुनिश्चित किया जा सकता हैं।

राज्य में कृषि एवं उद्यान के नाम पर कृषि भूमि लेकर होने वाले खेल को रोकने कि व्यवस्था भी लागू होनी चाहिए।

लोगों कि जमीन बचाने के लिए जमीन खरीदेने के बदले में जमीन को लीज पर देने का प्रस्तावित किया जाना चाहिए ।

उत्तराखंड के पहाड़ों पर बढ़ते अवैध निर्माण से जीतने भी धार्मिक स्थलों पर नकेल कसने का प्रावधान किए गए हैं उसमे राज्य कि भूमिहिन न हो और सभी लोगों कि अपनी जमीन पे पूरा हक हाकूक सुरक्षित रहे. भू-कानून इसकी प्रस्तावित व्यवस्था कर रहा हैं।

इन सिफारिशों को लागू कर पुष्कर धामी के सामने खुद को स्थापित करने का एक सुनहरा मौका है।सीएम धामी यह भी कह चुके हैं कि पहाड़ पर चकबंदी को लागू किया जाएगा।

अभी पहाड़ पर खेती की जमीन छितरी है। इससे किसानों की फसल पैदा करने में तमाम दिक्कतें आ रही हैं। अगर चकबंदी लागू होती है तो पहाड़वासियों की सदियों पुरानी मांग पूरी होगी और खेती का विकास होगा।

सीएम धामी अगर ऐसा कर पाते हैं तो उत्तराखंड आजादी के बाद देश का पहला राज्य होगा, जिसमें समान नागरिक संहिता लागू होगी।

 

 

Related Articles

Back to top button