पुलिस को सूचना मिलने पर पुलिस ने एसडीआरएफ़ की टीम को मौके पर बुलाया और एसडीआरएफ़ की टीम ने रेसक्यू अभियान चलाकर महिलाओं और बेजुमान जानवरों को सुरक्षित बाहर निकाला ।
यमनोत्री धाम और यमुना घाटी में दूसरे दिन भी बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थीं. वहाँ पे बारिश के चलते जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा हैं।
यमनोत्री धाम में आए श्रद्वालुओं को तेज बारिश के बीच जानकीचट्टी से यमनोत्री की पाँच किलोमीटर जोखिम भरी चड़ाई पर पैदल यात्रा करनी पढ़ रही हैं।
इसी दौरान यहा पे दो महिलाएं और बेजुमान जानवर यमुना नदी के टापू में फंस गए।
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एक स्थानीय व्यक्ति ने एसडीआरएफ़ को सूचित किया और एसडीआरएफ़ मौके पर पहुची और महिलाओं को और बेजुमान जानवरों को एसडीआरएफ़ ने सुरक्षित बाहर निकाला।
एसडीआरएफ़ की टीम मौके पे घटनास्थल पर पहुची और पता चला की उक्त स्थानीय महिलाएं यमुना नदी पार करके अपने पशुओं को लाने गयी थीं।
यमुना नदी का अचानक बहुत ज्यादा जलस्तर बढ़ने से महिलाएं एवं जानवर वही फंस गए।
एसडीआरएफ़ की टीम ने दोनों महिलाओं को लाइफ जैकेट पहनाकर रोप रिवर क्रासिंग की सहायता से नदी के इस पार सुरक्षित पहुंचाया।
एसडीआरएफ़ की टीम ने तीन गायों को भी एक-एक करके नदी के इस पार सुरक्षित पहुंचाया।
ग्रामीणों ने एसडीआरएफ का आभार जताया। बताया कि उक्त महिलाएं गायों को लेकर यमुना नदी तट से लगे असनोलतोक में गई थी।
लगातार बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से वह टापू में फंस गए थे।