उत्तराखण्ड

उत्तराखंड जोशिमठ प्रलय की कगार पर, सैकड़ों घरों में आई दरारे, फुट रहे पानी के फव्वारे, ग्रामीण इस मूसिबत से परेशान:

जोशिमठ में इन दिनों अज्ञात कारणों से आई मुसीबत से परेशान हैं।

शहर में सैकड़ों घरों में दरारें आ गई हैं, जिससे की घरों से पानी की धार फुट रही हैं।

इससे हजारों लोग पलायन को मजबूत हो गए हैं, शहर में स्थित एशिया की सबसे लंबी रोपवे सेवा को प्रर्यटकों के लिए बंद करना पड़ रहा हैं ।

शहर के लोग एक डिग्री सेल्सियस में मशाल जुलूस निकालकर मदद व विस्थापन कर पुर्नवास कराने की गुहार लगा रहे हैं।

इस मामले में सरकार के पास स्थित एनटीपीसी की एक परियोजना को बंद कर दिया हैं।

सरकार की ओर से वैज्ञानिकों की एक टीम गठित की गई हैं, जो जोशिमठ जाकर धंसने और मकानों में दरार के कारणों को पार लगाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज अथवा कुछ दिनों में जोशिमठ का दौरा कर सकते हैं।

चमोली जिले के जोशिमठ के मारवाड़ी नगर वार्ड स्थित जेपी कॉलोनी इलाके के इस विडियो में साफ दिखा रहा हैं की किस तरह से जमीन के अंदर से पानी का रिसाव हो रहा हैं।

किस तरह से जमीन के अंदर से पानी का रिसाव हो रहा हैं, स्थानीय प्रशासन के अनुसार जोशिमठ में करीब 561 घरों में दरारें आ गई हैं।

जिससे लोग काफी डरे हुए हैं, जबकि नगर पालिका अध्यक्ष के अनुसार 576 घरों में दरारें आई हैं।

जोशिमठ में नगर स्थित रोपवे के टावर नंबर एक पर जमीन धंसने की वजह से एशिया के सबसे लंबे रोपवे को बंद कर दिया गया हैं।

क्षेत्रीय लोग एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना को इस सब के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं ।

सरकार ने अब इसे बंद करने के आदेश दे दिए हैं, अलबत्ता, भू-वैज्ञानिकों के दृष्टिकोण से बात करें तो यहाँ से गुजरने वाले एमसीटी यानि मेन सेंट्रल थ्रस्ट के सक्रिय होने को यहां हो रहे भूधंसाव का कारण बताया जा रहा हैं, साथ ही यहां बीते वर्षों में हुए बेतहाशा निर्माणों को भी इस सब का जिम्मेदार माना जा रहा हैं ।

जिस तरह शहर में रोड आज लगातार चौड़ी होती दरारें और घरों में फूटते जल स्रोतों से पानी का बहाव तेज होने की वजह से घर छोड़ने को मजबूर हैं, और वहाँ अभी हाल में सात  होटल को मंजूरी दिए जाने की बात भी चर्चाओं में हैं।

मशाल जुलूस निकाल कर बद्रीनाथ हाइवे पर जाम लगा रहे लोगों का कहना हैं कि मारवाड़ी वार्ड स्थित जेपी कॉलोनी में पानी के रिसाव से वह दहशत में हैं।

छ्ह से सात जगहों पर जमीन के अंदर से पानी के फव्वारे फुट रहे हैं।

इनसे पानी का बहाव तेज होता जा रहा हैं।

घरों में बड़ी-बड़ी दरारें भी पड़ रही हैं। कॉलोनी से जेपी कंपनी के 35 भवन खाली कर दिए गए हैं ।

 

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