इस बैठक में डॉ सिंह ने पीएम टीबीबीएमवाई में आईएमए के सक्रिय सहयोग का अनुरोध किया।
उन्होंने उक्त योजना के उद्देश्य और तकनीकी पहलुओं को भी विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा आईएमए से उम्मीद है कि निजी क्षेत्र के डॉक्टर समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और खुद को निक्षय मित्र के रूप में पंजीकृत करेंगे और टीबी उन्मूलन उद्देश्य को प्राप्त करने में उत्तराखंड राज्य के साथ सहयोग की उम्मीद करेंगे।
दोनों के बीच तपेदिक नियंत्रण कार्यक्रम के अन्य विषयगत क्षेत्रों जैसे टीबी अधिसूचना, उपचार परिणाम और अन्य में निजी क्षेत्र के डॉक्टरों के सहयोग को बढ़ाने पर विस्तृत चर्चा हुई, जिससे टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में सफलता मिलेगी।
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राज्य और निजी क्षेत्र के आपसी सहयोग से टीबी सूचकांकों में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया ताकि टीबी उन्मूलन के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके।
आईएमए उत्तराखंड के महासचिव डॉ चौधरी ने तपेदिक नियंत्रण कार्यक्रम में निजी क्षेत्र के डॉक्टरों की भागीदारी का आश्वासन दिया।