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मिर्गी के प्राथमिक उपचार करने के लिए यहाँ है 10 तरीके, मिलेगा तुरंत लाभ

मिर्गी के प्राथमिक उपचार : मिर्गी का दौरा मरीज़ को कभी भी, कहीं भी पड़ सकता है, इसलिए अगर कभी आपके आसपास किसी को यह दौरा पड़ता है तो आपको यह प्राथमिक उपचार जानना जरूरी है। मिर्गी का दौरा पड़ते वक्त सही फर्स्ट एड मिलने से बहुत फ़र्क पड़ता है। अगर कभी आपके सामने किसी को मिर्गी का दौरा पड़ा हो, तो आप जानते होंगे कि वह दृश्य कितना दयनीय होता है।

ऐसे में आप सिर्फ खड़े देखते रहें और कुछ नहीं कर पाएं, तो बहुत असहाय महसूस होता है। इसलिए जानिए कि किसी को मिर्गी का दौरा पड़े तो आप क्या कर सकती हैं। क्योंकि आपकी फर्स्ट एड स्थिति में बहुत बदलाव ला सकती है। यदि आपको अनुभव नहीं है तो भी खुद को प्राथमिक उपचार के लिए तैयार रखना बेहतर होता है।

अक्सर लोग मरीज़ के चेहरे पर पानी डालते हैं, सांस देते हैं यहां तक कि कुछ लोग तो मोजा भी सुंघाते है, मगर इनमे से कुछ भी असल इलाज नहीं है।

तो क्या है सही उपाय? इस सवाल का जवाब पाने के लिए हम गए अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, मुंबई के न्यूरोसर्जन डॉ चंद्रनाथ तिवारी के पास।

मिर्गी का दौरा एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है

डॉ तिवारी बताते हैं, “आम भाषा मे कहें तो हमारे दिमाग तक कोई भी बात छोटे छोटे न्यूरॉन्स इलेक्ट्रिक सिग्नल के रूप में पंहुचाते हैं। इन सिंगल्स में किसी तरह की अड़चन आने से हमें दौरे पड़ते हैं।

मिर्गी का दौरा एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है।

आमतौर पर इसे फ़िट्स कहते हैं। लेकिन अगर फ़िट्स के दौरान आप बेहोश हो जाएं तो उसे सीजर कहते हैं।”
डॉ तिवारी कहते हैं, “हालांकि मिर्गी में दौरे पड़ना ही सबसे प्रमुख लक्षण है, लेकिन एक दौरे से यह नहीं कहा जा सकता कि आप मिर्गी के मरीज़ हैं। कम से कम दो सीजर के बाद ही मिर्गी को डिटेक्ट किया जा सकता है।

जाने प्राथमिक उपचार के ये कदम

डॉ तिवारी कहते हैं कि मिर्गी का दौरा पड़ते वक्त सही फर्स्ट एड मिलने से बहुत फ़र्क पड़ता है। लेकिन उसके लिए ज़रूरी है कि आप घबराएं नहीं। शान्ति और समझदारी से काम लेना सबसे ज्यादा ज़रूरी है।

  • सबसे पहले मरीज को किसी सुरक्षित जगह पहुंचाए। अगर मरीज़ की आंखें फड़क रही हैं तो उसे पार्शियल सीजर पड़ा है। ऐसे में व्यक्ति को सीधे बैठाएं।
  • अगर व्यक्ति ज़मीन पर गिर गया है, तो उसे करवट दिलाएं। सीधे लेटे होने पर मुंह से निकलने वाले पदार्थ से उनका गला चोक हो सकता है।
  • व्यक्ति के आसपास भीड़ न लगाएं। फ्रेश एयर आने दें। व्यक्ति को ढकें नहीं, इससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
  • डॉ तिवारी व्यक्ति के मुंह मे कुछ भी डालने से सख़्त मना करते हैं। कोई दवा, पानी, चम्मच कुछ भी न दें। व्यक्ति को CPR देने की भी कोशिश न करें, क्योंकि इससे सांस लेने में और ज्यादा समस्या हो सकती है।
  • टाइट कपड़ों को ढीला कर दें। कॉलर बटन, स्लीव्स, टाई, जूते सब ढीले कर दें। इससे शरीर रिलैक्स होगा और ब्लड फ्लो ब्लॉक नहीं होगा।
  • व्यक्ति को ज़ोर से हिलाएं नहीं। उन्हें आराम से डील करें।
  • उनके पास पंप ढूंढे। अक्सर मिर्गी के मरीज़ अपने साथ पंप लेकर चलते हैं। बैग, पर्स आदि में पंप देखें। उस पर लिखे इंस्ट्रक्शन पढ़ें और तब ही इस्तेमाल करें।

डॉ तिवारी सलाह देते हैं, “ज्यादातर सीजर ज्यादा लम्बे नहीं होते। लेकिन अगर व्यक्ति होश में नहीं आ रहा, तो यह चिंता की बात है। लम्बी बेहोशी मल्टीपल सीजर का साइन है, जो कि गम्भीर समस्या है। इमरजेंसी नंबर 102 हमेशा अपने फ़ोन में स्पीड डायल पर रखें।”

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