काशिफ रिज़वी। कानपुर नगर निगम में तैनात रहा एक फार्मासिस्ट फर्जी दस्तावेजों से ताउम्र नौकरी करता रहा और अपने खिलाफ आई शिकायतें रद्दी की टोकरी में डलवाता रहा। वर्ष 2015 में जब वह सेवानिवृत्त होने वाला था, उससे पूर्व अधिकारियों ने विभागीय जांच शुरू कराई तो फर्जीवाड़े का राजफाश हुआ।
अब छह वर्ष बाद आरोपित के खिलाफ बेकनगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी अमित सिंह गौर के मुताबिक बेकनगंज निवासी मो. वसीक ने वर्ष 1977 में नगर निगम में फार्मासिस्ट (यूनानी) के पद पर नौकरी पाई थी।
वर्ष 2015 में वह सेवानिवृत्त होने वाले थे।
इससे पूर्व वसीक पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने यूनानी कंपाउंडर कोर्स का जो प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी हासिल की थी, वह फर्जी है।