नाइट क्लब से चैटिंग तक…हनीट्रैप या गद्दारी ? : गद्दारी का चेहरा कुरूप ही होता है फिर गद्दार चाहे कितना भी सुन्दर और ग्लैमरस क्यों न हो। हरियाणा के हिसार से गिरफ्तार की गई यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने जासूसी के आरोप में कुछ और लोगों को भी गिरफ्तार किया है, लेकिन ज्योति का मामला सबसे ज्यादा हैरान करने वाला है। खुद को एक ट्रैवल व्लॉगर के तौर पर दिखाने वाली ज्योति, पाकिस्तान में आईएसआई के अधिकारियों और भारत में रहकर जासूसी करने वाले दानिश के सीधे संपर्क में थी। दानिश को आईएसआई का एजेंट माना जा रहा है।
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इस केस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की एक बेहद खतरनाक और नई चाल का भी खुलासा किया है। हरियाणा पुलिस का दावा है कि पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के लिए ज्योति एक ऐसा रिसोर्स थी, जिसके जरिए वो दूसरे सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों को भी अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल करना चाहते थे।
ज्योति मल्होत्रा का केस सुरक्षा एजेंसियों के लिए नया नहीं है। आईएसआई पहले भी भारतीयों को हनीट्रैप में फंसा चुकी है। हनीट्रैप का मतलब है कि किसी को प्यार के जाल में फंसाकर उससे खुफिया जानकारी निकलवाना। कुछ साल पहले ही, यूपी पुलिस के एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड ने फेसबुक पर 125 महिलाओं की प्रोफाइल की जांच की थी। पुलिस को शक था कि ये महिलाएं आईएसआई की एजेंट हो सकती हैं। महिलाओं के इन सभी अकाउंट्स में कम से कम एक अधिकारी भारतीय सेना या केंद्रीय अर्धसैनिक बलों से था। ऐसे में खतरा था कि ये इन्हें हनीट्रैप में फंसा सकती हैं।
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इन्फ्लुएंसरों को भर्ती करने के लिए किया गया इस्तेमाल !
पुराने जमाने में जासूस बार और नाइट क्लब में लोगों को फंसाते थे। लेकिन, इंटरनेट के दौर में सोशल मीडिया जासूसी का अड्डा बन गया है। सोशल मीडिया पर अपनी पहचान छुपाकर चैटिंग करना बहुत आसान है। इसलिए, जासूस सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके लोगों को आसानी से फंसा सकते हैं। ज्योति भी सोशल मीडिया के जरिए ही आईएसआई का निशाना बनी थी।हालांकि, आईएसआई ने उसे हनीट्रैप में नहीं फंसाया। उसका इस्तेमाल सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों को भर्ती करने के लिए किया गया। इन्फ्लुएंसरों के जरिए आईएसआई भारत में गलत खबरें फैलाना चाहती थी। अपने एक वीडियो में ज्योति ने पहलगाम हमले के लिए सुरक्षा में कमी को जिम्मेदार ठहराया था। पुलिस अब उसके दूसरे इन्फ्लुएंसरों के साथ संबंधों की जांच कर रही है। इसके अलावा बड़े पैमाने पर फॉलोअर्स वाले इन्फ्लुएंसर आईएसआई के लिए जासूसों की भर्ती भी कर सकते हैं।