देहरादून : धामी कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि किसी भी व्यक्ति या संस्थाओं द्वारा बद्रीनाथ-केदारनाथ धाम के नाम से कोई ट्रस्ट बनाया जाता है तो इससे लिए सरकार कड़े विधिक प्रावधान लागू करेगी।
उत्तराखंड कैबिनेट की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया है कैबिनेट के लिए फैसले में अब ना सिर्फ उत्तराखंड के चार धाम बल्कि प्रमुख और बड़े मंदिरों के नाम से ना तो कोई तो ट्रस्ट बन पाएगा और ना ही मंदिर।
इसको लेकर कैबिनेट ने प्रस्ताव पास किया है कि इस पर कानूनी राय लेकर कड़ा कानून बनाया जाएगा।
मिलते-जुलते नामों को लेकर भी कड़ा कानून बनाया जाएगा। दिल्ली में केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर बनाने को लेकर चल रहे विवाद को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है।
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धर्मस्व विभाग जल्द प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल में लाएगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में रखे प्रस्ताव के तहत कहा गया कि कतिपय व्यक्तियों व संस्थाओं द्वारा उत्तराखंड राज्य में स्थित चारधाम के नाम का प्रयोग कर ट्रस्ट अथवा समिति बनाई जा रही है।
ऐसी गतिविधियों से लोगों में असमंजस की स्थिति पैदा होती है।
स्थानीय स्तर पर आक्रोश की भी आशंका रहती है।
कैबिनेट ने चारों धामों में स्थित मंदिरों के नामों का दुरुपयोग रोकने के लिए कड़े कानूनी प्रावधान करने का फैसला लिया है।