उत्तराखण्ड

बाबा रामदेव की कंपनी को बड़ा झटका, स्टॉक एक्सचेंजों ने पतंजलि फूड्स के प्रेमोटरों के शेयर किए फ्रीज:

हालांकि कंपनी ने कहा कि इस फैसले का उसके कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

पतंजलि फूड्स लिमिटेड (जो पहले रुचि सोया इंडस्ट्रीज थी) ने गुरुवार को कहा कि कंपनी में उसके प्रवर्तकों की शेयरधारित पर रोक लगाने से उसकी वित्तीय स्थिति और कामकाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

PFL ने गुरुवार को बताया कि BSE और NSE ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, आचार्य बालकृष्ण, पतंजलि परिवहन और पतंजलि ग्रामोद्योग न्यास समेत समेत उसकी 21 प्रवर्तक इकाइयों के शेयरों के लेनदेन पर न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के नियमों का पालन नहीं करने की वजह से रोक लगा दी है।

प्रतिभूति संविदा (विनियमन) नियम, 1957 का नियम 19ए(5) एक सूचीबद्ध इकाई के लिए 25 प्रतिशत की न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (MPS) रखने को अनिवार्य बनाता है।

पतंजलि फूड्स ने बताया कि उसके प्रवर्तक न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारित को हासिल करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और इस बारे में विचार-विमर्श किया जा रहा है।

उसने कहा कि कंपनी के प्रवर्तकों को पूरा भरोसा है कि वे अगले कुछ महीनों में अनिवार्य MPS प्राप्त कर लेंगे।

मौजूदा समय में कंपनी के 19.18 प्रतिशत शेयर सार्वजनिक शेयरधारकों के पास हैं और एमपीए को हासिल करने के लिए सार्वजनिक शेयरधारिता में 5.82 प्रतिशत की बढ़ोतरी उसे करनी होगी।

शेयरों पर रोक के इस आदेश से कुल 29,25,76,299 इक्विटी शेयर प्रभावित होंगे।

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