कैबिनेट मंत्री के विदेश दौरे के दौरान निजी सचिव आईपी सिंह ने उनके फर्जी डिजिटल सिग्नेचर कर दिए थे। पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष अयाज अहमद का विभागाध्यक्ष के पद के लिए आईपी सिंह ने ही अनुमोदन कर दिया था।
जिसके बाद मामले की जांच की जा रही थी। साथ ही निजी सचिव सतपाल महाराज के कार्यालय से हटा दिया गया था। आरोप है कि कैबिनेट मंत्री के पास कुछ फाइलें अनुमोदन के लिए भेजी गई थी।
इनमें एक फाइल को सतपाल महाराज ने रोक दिया था। उनके निजी सचिव ने इस फाइल पर कैबिनेट मंत्री के फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर कर फाइल को लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव आरके सुधांसु को भेज दी।
इसके बाद सीएम धामी के अनुमोदन के बाद प्रमुख सचिव स्तर पर संबंधित अफसर के प्रमोशन के आदेश हुए थे।
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जब कैबिनेट मंत्री को इसका पता चला तो वह भी हैरत में पड़ गए। उन्होंने जांच कराई तो खुलासा हुआ कि उक्त फाइल पर उनके हस्ताक्षर के साथ अनुमोदन किया गया है।
शिकायतकर्ता कृष्ण मोहन की शिकायत पर सतपाल महाराज के तत्कालीन निजी सचिव आरपी सिंह और पीडब्ल्यूडी के चीफ एजाज अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
मामले में दोनों आरोपी अधिकारियों के खिलाफ धारा 419, 467, 468, 471 और 120 बी के साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।