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राज्यसभा में अशोभनीय आचरण की वजह से 3 और सांसद निलंबित, राष्ट्रपति पर विवादित टिप्पणी से मचा बवाल

राज्यसभा में आज तीन सदस्यों को सदन में अशोभनीय आचरण के कारण मौजूदा सप्ताह के शेष समय के लिए निलंबित कर दिया गया. निलंबित सदस्यों में सुशील कुमार गुप्ता और संदीप कुमार पाठक (दोनों आम आदमी पार्टी) और अजीत कुमार भुइयां (निर्दलीय) शामिल हैं. एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने नियम 256 के तहत सुशील कुमार गुप्ता, संदीप पाठक और अजीत कुमार भुइयां को सदन में अशोभनीय आचरण के लिए मौजूदा सप्ताह के शेष समय के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव किया. सदन ने उनके इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.

राज्यसभा में 3 और सांसद निलंबित

विपक्षी सदस्यों ने इस प्रस्ताव पर मत-विभाजन कराने की मांग की. इस पर हरिवंश ने कहा कि पहले हंगामा कर रहे सदस्य अपनी सीट पर जाएं, फिर वह मत-विभाजन की अनुमति देंगे, लेकिन आसन के समीप आए सदस्य अपनी सीट पर नहीं गए और हरिवंश ने ध्वनिमत के जरिए प्रस्ताव को मंजूरी दिलवाई. इसके बाद बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. उल्लेखनीय है कि मंगलवार को 19 और बुधवार को एक सदस्य को राज्यसभा की कार्यवाही में बाधा डालने और व्यवधान उत्पन्न करने के लिए इस सप्ताह की शेष बैठकों के लिए निलंबित कर दिया गया था.

सोनिया गांधी को मांगनी चाहिए माफी

राज्यसभा में विभिन्न मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सदन के नेता पीयूष गोयल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में लोकसभा में कांग्रेस नेता की विवादित टिप्पणी का जिक्र किया और उसे अस्वीकार्य बताया. इसी दौरान विपक्ष के कुछ सदस्य अपनी मांगों के समर्थन में आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे. उधर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सदस्य राष्ट्रपति के संबंध में कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर विरोध जता रहे थे. पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रपति पद के साथ ही देश की महिला, हर आदिवासी और इस सदन का अपमान किया है. उन्होंने मांग की है कि इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को माफी मांगनी चाहिए.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कही ये बात

सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह मामला लोकसभा के एक सदस्य से संबंधित है और इसलिए यहां नहीं उठाया जा सकता. उपसभापति हरिवंश ने कहा कि यह मामला संसद से बाहर का है. सदन में हो रहे शोरगुल के कारण उनकी बात ठीक से सुनी नहीं जा सकी. नायडू ने ऐसे सदस्यों को आगाह किया कि वे सदन में ”तख्तियां” लेकर ना आएं नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि तख्तियां सदन में दिखानेवाले सदस्यों के नाम बुलेटिन में डाले जाएंगे. हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लोकसभा में कांग्रेस के नेता द्वारा ”राष्ट्रपत्नी” कहकर संबोधित करने का मुद्दा उठाया और कांग्रेस से इसके लिए माफी मांगने को कहा. (भाषा इनपुट के साथ

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