इस आसन की अंतिम स्थिति किसी शव/शरीर जैसी होती है।
इस आसन को करने की स्थिति : पीठ के बल लेटकर आराम करने की मुद्रा में आये, इस आसन को करने की तरीक़ा सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं और हाथ-पैर को खोल दे या एक दूसरे से अलग रखें। और हथेलियाँ ऊपर की ओर कर आँखें बंद कर दें।
पूरे शरीर को सचेतन रूप से शिथिल करें।
प्राकृतिक सांस के प्रति जागरूक बनें और इसे धीमा और उथला होने दें।
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जब तक आप तरोताजा और आराम महसूस न करें तब तक इसी स्थिति में रहें।
इस आसन को करने के फ़ायदे
सभी प्रकार के तनावों को दूर करने में मदद करता है और शरीर और दिमाग दोनों को आराम देता है।
पूरे मनो-शारीरिक तंत्र को आराम देता है। मन, जो लगातार बाहरी दुनिया की ओर आकर्षित होता है, यू-टर्न लेता है और अंदर की ओर बढ़ता है।
इस प्रकार धीरे-धीरे लीन हो जाता है,,, जैसे-जैसे मन शांत और तल्लीन होता जाता है, अभ्यासकर्ता बाहरी वातावरण से अप्रभावित रहता है।
यह तनाव और उसके परिणामों के प्रबंधन में बहुत फायदेमंद पाया गया है।