INDIA

पता होता कि हिंदुस्तान में मुसलमानों को दबाया जाएगा तो हमारा फैसला कुछ और होता- उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने देश में चल रहे लाउड स्पीकर से लेकर हलाल मीट तक के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उमर अब्दुल्ला ने कहा- सियासत के लिए गलत माहौल बनाया जा रहा है। ये सिर्फ हिजाब की बात नहीं है, हमें कहा जा रहा है कि मस्जिदों में लाउड स्पीकर इस्तेमाल नहीं होने चाहिए।

अगर बाकी जगहों पर लाउड स्पीकर इस्तेमाल होते हैं तो मस्जिदों में क्यों नहीं? उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा- आप हमें कहते हैं कि हमें हलाल मीट नहीं बिकना चाहिए। हमारे मजहब में लिखा है कि हलाल मीट ही खाना है। आप इसपर रोक क्यों लगा रहे हैं? हम आपको हलाल मीट खाने पर मजबूर नहीं कर रहे कि आप हलाल मीट खाएं।

हम आपसे नहीं कहते कि मंदिरों में माइक नहीं लगने चाहिए। क्या मंदिरों, गुरुद्वारे में माइक नहीं लगते? लेकिन आपको सिर्फ हमारा माइक खटकता है, हमारा मजहब खटकता है। आपको हमारे कपड़े पसंद नहीं हैं। आपको हमारा नमाज पढ़ने का तरीका पसंद नहीं है।

उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि एक नफरत लोगों में डाली जा रही है। ये वो हिंदुस्तान नहीं है जिसके साथ जम्मू-कश्मीर ने समझौता किया था। हमने उस हिंदुस्तान के साथ समझौता किया था जिसमें हर मजहब को बराबरी की नजर से देखा जाता था। हमें ये नहीं कहा गया था कि एक मजहब को ज्यादा एहमियत दी जाएगी और दूसरे मजहब को दबाया जाएगा। हमें ये कहा गया होता तो शायद हमारा फैसला कुछ और होता।

उमर अब्दुल्ला ने कहा- हमने सोच समझकर फैसला किया गया था क्योंकि हमें यही कहा गया था कि हर मजहब को बराबरी की नजर से देखा जाएगा। हम भाईचारे की बात करते हैं लेकिन हमारा मुकाबला उन लोगों के साथ है जो भाई चारे को तहस-नहस करने की बात करते हैं। हम इसकी इजाजत नहीं देंगे।

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