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किसे दूध पीना चाहिए और किसे दूध नहीं, जानें ऐसे सभी सवालों के जवाब आयुर्वेदिक डॉक्टर से.

दूध हमारे भोजन का एक अभिन्न अंग है. मानव समाज में दूध पीने का चलन सदियों से है. भारत के ज्यादातर हिस्सों में गाय के दूध का सेवन किया जाता है तो राजस्थान के कुछ हिस्सों में ऊंटनी के दूध का सेवन होता है।

कहीं लोग भैंस के दूध का सेवन करते हैं तो कहीं बकरी का दूध पीने की परंपरा है।

दूध पीना इंसान के लिए क्यों जरूरी है, इसके सेवन से किन बीमारियों से बचाव होता है और दूध पीने के अन्य क्या लाभ हैं, ऐसे ही दूध से जुड़े अनेक प्रश्नों का उत्तर दे रहे हैं।

आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर सुरेंद्र सिंह राजपूत. ये पिछले 41 साल से आयुर्वेद के माध्यम से लोगों की चिकित्सा कर रहे हैं।

दूध पीने से किन बीमारियों से बचाव होता है.

आयुर्वेद में दूध को संपूर्ण आहार माना गया है. यानी यह शरीर में सभी पोषक तत्वों की कमी को दूर करता है. हालांकि यह फैक्ट पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस पशु के दूध का सेवन कर रहे हैं।

आयुर्वेद में दूध से जुड़े ज्यादातर नियम देसी गाय के दूध से ही संबंधित होते हैं. क्योंकि गाय की प्रजाति के आधार पर, भैंस, बकरी और ऊंट इत्यादि जितने भी दुधारू (दूध देने वाले) पशु हैं, इनके दूध की प्रॉपर्टीज अलग-अलग होती हैं।

इसलिए हम यहां जो भी बात करेंगे, वह देसी गाय के दूध के संबंध में है।

  • नियमित रूप से दूध का सेवन करने पर शरीर में विटामिन्स की कमी संबंधी रोगों की आशंका न्यूनतम हो जाती है. यानी इस बात की संभावना ना के बराबर होती है कि आपको विटामिन की कमी संबंधी कोई रोग होगा।
  • दूध का सेवन करने से शरीर में आवश्यक मात्रा में कैल्शियम की पूर्ति होती रहती है और हड्डियों से संबंधित रोग दूर रहते हैं।
  • दूध से शरीर को आयरन भी मिलता है. इसलिए रक्त संबंधी ज्यादातर विकार भी नियमित रूप से दूध पीने वालों से दूर रहते हैं।
  • स्किन संबंधी रोग जैसे एग्जिमा, सोरायसिस या अ्य इंफेक्शन की आशंका भी नहीं रहती है. यदि कोई और बीमारी शरीर में ना पनप रही हो तो इस तरह के रोग नियमित दूध पीने वालों को नहीं होते.
  • बुढ़ापा शरीर पर हावी नहीं हो पाता.क्योंकि जो लोग नियमित रूप से दूध पीते हैं, उनके शरीर में आवश्यक मात्रा में प्रोटीन की पूर्ति होती रहती है, त्वचा की कोशिकाओं को दूध से पर्याप्त नमी मिलती है इसलिए झुर्रियों की समस्या नहीं होती है.
  • शरीर फिट और स्लिम बना रहता है. क्योंकि देसी गाय का दूध गैरजरूरी फैट शरीर पर नहीं चढ़ने देता और ना ही इस दूध में बहुत अधिक मात्रा में फैट होता है. इसलिए इस दूध का नियमित सेवन करने वाले फिट भी रहते हैं और सुंदर भी. 
  • दूध पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है. इम्युनिटी इतनी मजबूत हो जाती है कि जल्दी से शरीर पर कोई इंफेक्शन या वायरस अटैक नहीं कर पाता है.

किस उम्र तक दूध पीना जरूरी होता है.

जन्म से लेकर जीवन पर्यन्त हर व्यक्ति को दूध पीना चाहिए. जैसा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि यहां हम दूध से संबंधित जो भी बात कर रहे हैं, वो देसी गाय के दूध से संबंधित है।

तो देसी गाय का दूध बचपन में शरीर के विकास और मानसिक विकास में सहायता करता है. साथ ही बुढ़ापे में याददाश्त संबंधी रोगों से बचाता है।

यही कारण है कि पुराने समय में लोग सौ वर्ष से अधिक की उम्र जीते थे लेकिन फिर भी उन्हें अल्जाइमर जैसे मेमोरी संबंधी रोग नहीं होते थे।

दूध पीने पर किन लोगों को समस्या होती है.

अगर किसी को पुरानी पेचिस है या पेचिस का असर है तो उन्हें दूध पीने पर गैस बनती है।

जिनके पाचन तंत्र में रेनिन एंजाइम पर्याप्त मात्रा में बनता रहता है, उन्हें दूध पीने से कभी कोई समस्या नहीं होती है।

रेनिन एंजाइम शरीर के अंदर दूध को फाड़ने का काम करता है और लैक्टिस एंजाइम पचाने का काम करता है।

जब इन दोनों एंजाइम का उत्पादन शरीर में ठीक प्रकार से होता रहता है तो कोई समस्या नहीं होती और अगर एक भी एंजाइम की कमी हुई तब दूध पीने से पेट संबंधी समस्याएं होती हैं।

जो बच्चे दूध नहीं पीते उन्हें क्या खिलाना चाहिए.

हालांकि दूध का कोई विकल्प नहीं है. लेकिन कुछ छोटे बच्चों को इसका स्वाद पसंद नहीं होता है या अन्य किसी कारण से दूध पीने में समस्या है और बहुत छोटे बच्चे को आप कुछ समझा भी नहीं सकते हैं कि उसे दूध पीने के फायदे बताएं तो इस स्थिति में आप उसे शहद चटा सकते हैं।

क्योंकि आयुर्वेद में सिर्फ दो ही खाद्य पदार्थों को संपूर्ण आहार का स्थान प्राप्त है और ये हैं पहला दूध और दूसरा शहद।

दूध पीने की सही विधि क्या है.

दूध सदैव खाना खाने के दो घंटे बाद पीना चाहिए और दूध पीने के बाद यदि भोजन करना है तो लगभग एक घंटे का गैप रखें।

इससे दूध का पाचन और भोजन का पाचन अच्छे से होगा और आपको दोनों के गुणों का पूरा लाभ भी मिलेगा।

किन बीमारियों में दूध नहीं पीना चाहिए.

  • जब लिवर संबंधी समस्या चल रही हो तो दूध ना पिएं.
  • जिन्हें बॉडी पर स्वेलिंग की समस्या हो रही हो उन्हें दूध नहीं पीना चाहिए.
  • रजोवृत्ति (Periods) में दूध नहीं पीना चाहिए.
  • डिलिवरी के तुरंत बाद दूध नहीं पीना चाहिए
  • पेचिस या लूज मोशन की स्थिति में दूध ना पिएं

किन लोगों को दूध जरूर पीना चाहिए.

  • यदि आपको कोई ऐसा रोग नहीं है, जिसमें दूध हानि पहुंचाता है, जिनके बारे में ऊपर बताया गया है तो दूध
  • सभी को पीना चाहिए और हर उम्र में पीना चाहिए.
  • शारीरिक और मानसिक श्रम करने वाले सभी लोगों के लिए दूध जरूरी होता है. क्योंकि यह शरीर को हेल्दी रखता ही है साथ ही ब्रेन को शांत रहने और खुश रहने में मदद करता है.
  • शारीरिक और मानसिक कमजोरी दूर करने में दूध महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसलिए दूध का सेवन स्वस्थ जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है.

 

 

 

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