पितृ पक्ष में पंचमी तिथि का श्राद्घ 14 सितंबर 2022 को किया जाएगा. इसे कुंवारा पंचमी भी कहते हैं, इस दिन अविवाहित मृत परिजन यानी कि जिनकी मृत्यु विवाह से पूर्व हुई हो उनका तर्पण, पिंडदान किया जाता है।
श्राद्ध कर्म के लिए कुतुप मुहूर्त उत्तम माना जाता है. श्राद्ध में दान का विशेष महत्व है. पितरों की संतुष्टि कुछ वस्तुओं का दान शुभ फल प्रदान करता है।
आइए जानते हैं श्राद्ध के 16 दिनों में किन चीजों का दान करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है।
पितृ पक्ष पंचमी तिथि श्राद्ध 2022.
- पितृ पक्ष पंचमी तिथि आरंभ – 14 सितम्बर 2022, सुबह 10:25
- पितृ पक्ष पंचमी तिथि समाप्त – 15 सितम्बर 2022,सुबह 11:00
- कुतुप मुहूर्त – सुबह 11.58 – दोपहर 12.47
पितृ पक्ष में क्या दान करें ? (Pitra paksha Donate).
काला तिल.
पितृ पक्ष में श्राद्ध प्रक्रिया में काले तिल की बहुत मान्यता है. कहते हैं जल में काला तिल मिलाकर तर्पण करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती हैPitra Paksha
- Advertisement -
मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में काला तिल दान करने से जातक हर बाधा से मुक्ति पा सकता है. काले तिल के दान से ग्रह की शुभता और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
वस्त्र.
श्राद्ध पक्ष के 16 दिनों में जरूरतमंद या ब्राह्मण को पहनने के योग्य वस्त्र जैसे धोती, कुर्ता, गमछा दान करना शुभ माना जाता है।
राहु-केतु और पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए इस काल में जूते, चप्पल, छाता भी दान किया जाता है।
अन्न.
पितृ पक्ष में पितर किसी भी रूप में आपके द्वार आ सकते हैं, ऐसे में किसी जरूरतमंद या घर आए मेहमान को भोजन जरूर कराएं।
साथ ही अन्न जैसे गेंहू, चावल, शक्कर, नमक आदि अनाज का दान करने पितर संतुष्ट रहते हैं और हर कार्य में सफलता मिलती है. संतान सुख प्राप्त होता है।
गुड़-घी.
घर में सुख-शांति पाने के लिए पितृ पक्ष में गुड़ और गाय के घी का दान जरूर करें. कहते हैं इससे घर का माहौल शांत रहता है।
परिवार के बीच क्लेश नहीं होते. पितरों के आशीष से संकटों का नाश होता है।
सोना-चांदी.
जो लोग आर्थिक रूप से संपन्न है वो पितृ पक्ष में सोने-चांदी का भी दान करते हैं. मान्यता है इससे आरोग्य का वरदान मिलता है।
चांदी को चंद्रमा का कारक माना गया है, इसके दान से मानसिक तनाव खत्म होता है।
भूमि-गौ.
पितृ पक्ष में भूमि का दान बेहद शुभ परिणाम देता है. श्राद्ध पक्ष में किसी जरूरतमंद या धर्म के काम के लिए भूमि का दान वंश वृद्धि के लिए बहुत फलदायी है।
वहीं हिंदू धर्म में गौ दान महादान माना गया है. गाय का दान धन-संपत्ति देने वाला माना जाता है।