तमिलनाडु मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे, उदयनिधि स्टालिन, ने हाल ही में एक बयान दिया है जिससे सोशल मीडिया पर एक बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया।
उन्होंने एक सम्मेलन में ‘सनातन धर्म को मिटाने’ के मुद्दे पर अपने विचार रखे हैं, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है।
उदयनिधि स्टालिन ने कहा, “सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू की तरह है, जिसे मिटाना ज़रूरी है।” इस बयान के बाद, सोशल मीडिया पर विरोध और समर्थन दोनों के बयान आ रहे हैं।
कुछ लोग उदयनिधि के बयान को लेकर आलोचना कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर कुछ उनके समर्थन में उतर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप उदयनिधि स्टालिन को सोशल मीडिया पर बड़ी खिचक का सामना करना पड़ रहा है।
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उदयनिधि ने अपने बयान को साफ़ी देते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी सनातन धर्म के प्रति उत्पीड़न की बात नहीं की है और सनातन धर्म को मिटाने की बात करने की नहीं।
वे कहते हैं, “सनातन धर्म एक ऐसा सिद्धांत है जो जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटता है, और हमें इसे मिटाना नहीं, बल्कि मानवता और समानता को कायम रखना है।”
इस विवाद के बावजूद, उदयनिधि स्टालिन ने अपने बयान पर कायम रहने की प्रतिज्ञा की है और कहा है कि वे किसी भी क़ानूनी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
इस विवाद के मध्यस्थता करने वाले संगठन लीगल राइट्स ऑब्ज़र्वेटरी ने भी इस मामले को कोर्ट तक ले जाने का फैसला लिया है।
अब देखा जाएगा कि यह विवाद का आगे क्या रुख लेता है, क्योंकि यह सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दे को लेकर बड़ा महत्वपूर्ण मामला है।