उत्तराखंड : केदारनाथ धाम के वेदपाठी मृत्युंजय हीरेमठ के असमय निधन पर शोक का दर्शन उखीमठ में – श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने कहा कि मृत्युंजय हीरेमठ ने सदैव निष्ठा और सेवा के भाव से कार्य किया।
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर उनके शिव भक्ति के स्रोत, भजन और लयपूर्ण गायन लोकप्रिय थे। उनके निधन से मंदिर समिति को अपूर्णीय क्षति हुई है।
मृत्युंजय हीरेमठ का असमय निधन शुक्रवार को हुआ। उनका शव मंदाकिनी तट पर समाधि में दिया गया। इसके साथ ही श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) में शोक की लहर दौड़ रही है।
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मृत्युंजय हीरेमठ का परिवार उखीमठ (रूद्रप्रयाग) में निवास करता है, जहां उनके पिता गुरुलिंग केदारनाथ धाम के पूजारी रह चुके हैं। उनके बड़े भाई शिवशंकर लिंग केदारनाथ प्रतिष्ठान में पूजारी के पद पर हैं।
मृत्युंजय हीरेमठ शिव स्त्रोतम् के साथ, भगवान भोले नाथ के भजनों का लयपूर्ण गायन करते थे, जो सोशल मीडिया पर काफी प्रसिद्ध हुआ था।
बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि मृत्युंजय हीरेमठ के निधन की खबर के बाद, मंदिर समिति के उखीमठ, जोशीमठ, देहरादून और अन्य सभी कार्यालयों में शोक सभा का आयोजन हुआ।
दो मिनट के मौन के साथ दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की गई।
बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, और सभी सदस्यों, मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, विशेष कार्याधिकारी रमेश सिंह रावत, मुख्य वित्त नियंत्रक आनंद सिंह, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, और अनिल ध्यानी जैसे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने शोक व्यक्त किया।