न्यायालय जिला परिवीक्षा अधिकारी की रिपोर्ट के बाद 28 नवंबर को सजा सुनाने की कार्यवाही करेगा।
कोर्ट ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को 26 नवंबर को तीनों की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
तीनों यशपाल बेनाम, अशोक बिष्ट और सरिता नेगी को सजा सुनाए जाने की तारीख तक अंतरिम जमानत दी गई है।
तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी प्रभा शंकर मिश्रा ने 27 अप्रैल, 2017 को पौड़ी नगरपालिका अध्यक्ष यशपाल बेनम, अशोक बिष्ट और सरिता नेगी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
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जिसमें कहा गया था कि तीनों ने दुर्व्यवहार किया, गाली दी और जान से मारने की धमकी दी।
24 अप्रैल, 2017 को जिला प्रशासन द्वारा आयोजित बैठक में तत्कालीन जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 332 और 504 के तहत मामला दर्ज किया था।
आरोप पत्र 5 जुलाई, 2017 को अदालत में पेश किया गया।
आरोपी ने 9 अगस्त, 2017 को अदालत में आत्मसमर्पण किया और अगले दिन जमानत याचिका दायर की, लेकिन अदालत ने उसे खारिज कर दिया।
आरोपी ने जमानत के लिए सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन सेशन कोर्ट ने भी जमानत अर्जी खारिज कर दी।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 4 सितंबर, 2017 को सभी आरोपियों को जमानत दे दी और अगले दिन तीनों जेल से बाहर आ गए।
कोर्ट ने मामले में आईपीसी की धारा 353, 504 और 606 में बदल दिया।