उसके बावजूद चोरी-छिपे ट्रक व ट्रावेलियो से खनन सामग्री लाई जा रही है।
बुधवार को खनन विभाग द्वारा ढालीपुर में आवंटित खनन पट्टा में बैरियर के पास व गढ़वाल संभाग के कर्मचारी 4:30 से देर रात तक ड्यूटी करते दिखे।
इस दौरान खनन माफिया में अफरातफरी मच गई।
खनन माफिया खनन विभाग के अधिकारियों के फोन की घंटी बजाते रहे।
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लेकिन खनन विभाग और गढ़वाल मंडल के कर्मचारी टस से मस नहीं हुए।
जिससे खनन से भरे दर्जनों वाहन यमुना नदी में खड़े रहे।
लेकिन हैरानी की बात यह है कि आखिर खनन विभाग और गढ़वाल मंडल के कर्मचारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है।
अगर इन लोगों के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो न तो पुलिस प्रशासन ने कोई सुरक्षा व्यवस्था की है और न ही कोई इंतजाम।
ताकि उनकी सुरक्षा जमा राशि मजबूत हो।
उधर, उप जिलाधिकारी ने जब विकासनगर से ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।