
हल्द्वानी जेल से भागने की फिराक में थे तीन कैदी जिसमें से एक कैदी दिवाल कूदने में कामयाब भी हो गया।
उसी टाइम वहां पर खड़े झंडा फहरा रहे संत्री की नजर पड़ी तो उसने उसके ऊपर राइफल तान दी और गोली मारने का भय दिखाकर उसे रोकलिया लेकिन सवाल यह नहीं होता की जेल के अंदर किस प्रकार की गतिविधियां चल रही है।
हल्द्वानी जेल से जुड़े मामले लगातार ही प्रकाश में आ रहे हैं कभी किसी के मर्डर की बात तो कभी मोबाइल मिलने की बात तो कभी कैदियों को नशीला पदार्थ उपलब्ध कराने की बात वह लड़ाई झगड़े तथा पैसा वसूली तक की बात प्रकाश में आ रही है लेकिन जेल प्रशासन सोया हुआ क्यों है।