देहरादून
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राज्य सूचना आयोग ने करोड़ों रुपए की ज़मीन के नगर निगम द्वारा अचानक कर निर्धारण कर जमा करने के मामले की जांच करवाने के दिए निर्देश 

Instructions of State Information Commission: Order to investigate the matter of land tax assessment by Municipal Corporation

राज्य सूचना आयोग के नेतृत्व में एक सुर्खि़ तंज के साथ आया है, जो सहारनपुर के एक व्यक्ति और देहरादून नगर निगम के अधिकारियों के बीच जमा हुए करोड़ों रुपए की ज़मीन के मामले को घेर रहा है।

जानकारी के अनुसार सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका को संदिग्ध करार दिया है और इस मामले की जांच एसआईटी से कराने के निर्देश दिए हैं।

यह मामले करनपुर  स्थित डालनवाला थाने से, जहां एक व्यक्ति ने नगर निगम के अधिकारियों के साथ जमा करने के लिए अपनी ज़मीन पर सहारनपुर नामक व्यक्ति के तौर पर टैक्स जमा कराया था।

नगर निगम द्वारा तीन आउटसोर्स ऑपरेटरों की संलिप्तता पर आई जांच के बाद, एक ऑपरेटर की सेवा बंद कर दी गई थी।

इसके साथ ही, इस मामले में एफआररआई भी दर्ज हुई थी।

नगर निगम के पूर्व पार्षद विनय कोहली ने इस मामले को संतोषजनक नहीं मानकर आरटीआई से नगर निगम से जानकारी मांगी थी।

जानकारी प्राप्त करने के बाद, वे संतुष्ट नहीं हुए और मामला राज्य सूचना आयोग के सामने आया।

राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने बताया कि मोहम्मद तारिक अथहर पर फर्जी कागज तैयार करने और धोखाधड़ी के कई मामले सहारनपुर में दर्ज हैं।

उन्होंने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका को संदिग्ध करार दिया और इस प्रकरण की जांच एसआईटी या समकक्ष एजेंसी से कराने के निर्देश दिए।

सूचना आयुक्त भट्ट ने कहा कि 30 नवंबर 2021 को इस ज़मीन का कर निर्धारण निरस्त कर दिया गया था, जो कि इस मामले की गंभीरता को और भी बढ़ा रहा है।

उन्होंने इस मामले के खिलवाड़ी तत्वों के खिलवाड़ी व्यवहार की गंभीरता को दर्शाया और इसके बाद उन्होंने इसे सुनवाई के लिए राज्य सूचना आयोग में लाया।

आयोग की सुनवाई में नगर निगम के अधिकारी ने कहा कि 30 नवंबर 2021 को इस ज़मीन का कर निर्धारण निरस्त कर दिया गया था, जो कि इस मामले की गंभीरता को और भी बढ़ा देता है।

राज्य सरकार को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

 

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