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G20 में भारतीय संगीत की झलक: 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' गीत से होगी प्रस्तुति

G20 Glimpses of Indian Music: Miley Sur Mera Tumhaara to be performed

जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के अलग-अलग हिस्सों से आए कलाकार अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों के साथ भारतीय संस्कृति और संगीत की झलक दिखाएंगे।

G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए सभी मेहमानों को भारतीय संस्कृति, सभ्यता और संगीत की झलक देखने को मिलेगी। इसी क्रम में शिखर सम्मेलन के दौरान 9 सितंबर की शाम को भारत के अलग-अलग हिस्सों से आए कलाकार अपनी मनमोहक प्रस्तुति देंगे।

इसके अलावा, इस शानदार आयोजन के दौरान ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ गीत से भी सजेगा इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का आयोजन।

यह सम्मेलन न केवल भारतीय संगीत का प्रदर्शन होगा, बल्कि यह भारतीय संगीत के माध्यम से भारत की एक सामंजस्यपूर्ण यात्रा का सबूत होगा।

शिखर सम्मेलन के इस अनूठे कार्यक्रम में सिर्फ शास्त्रीय और लोकधुन को जगह दी गयी है, जिसकी परिकल्पना संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ संध्या पुरेचा की है।]

इस संगीतमय शाम के दौरान, भारत वाद्य दर्शन अनूठी संगीत की प्रस्तुति करेगा, जो भारतीय संगीत के सौंदर्यिकता और विविधता को दर्शाएगा।

संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, भारत यात्रा संगीत समागम को तीन भागों में बांटा गया है। प्रदर्शन धीमी लय से मध्यम और फिर तेज लय की गति में होंगे।

भारत वाद्य दर्शन की परिकल्पना वाद्य संगीत प्रदर्शनों के एक क्रम में दर्शकों को देश के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि संगीत के माध्यम से भारत की डेढ़ घंटे की यात्रा पर ले जाएगा।

प्रत्येक समूह अपने विभिन्न वाद्य यंत्रों, जैसे स्ट्रिंग वाद्य यंत्र, वाद्य यंत्र झिल्ली, वायु वाद्य यंत्र और धातु वाद्ययंत्र के साथ प्रदर्शन करेंगे।

मंत्रालय के अनुसार, प्रस्तुति के दौरान विचित्र वीणा, रुद्र वीणा, सुरबहार, जलतरंग, नलतरंग, सरस्वती वीणा, धंगली, भपंग, सुंदरी और दिलरुबा जैसे कई दुर्लभ वाद्य यंत्र प्रदर्शित किए जाएंगे।

कुल मिलाकर इसमें 34 भारतीय संगीत वाद्ययंत्र, 18 कर्नाटक संगीत वाद्ययंत्र और भारतीय राज्यों के कुल 78 कलाकार शामिल किए गए हैं।

इनमें 26 लोक संगीत वाद्य यंत्रों का समावेश होगा, जिसमें 11 बच्चों, 13 महिलाओं, 6 दिव्यांग कलाकार, 22 पेशेवर और 26 युवा शामिल हैं।

इस संगीतमय प्रस्तुति में रवीन्द्रनाथ टैगोर का प्रसिद्ध गीत ‘एकला चलो रे’ की भी प्रस्तुति के साथ राजस्थानी लोक कलाकार भी वहां का लोक संगीत प्रस्तुत करेंगे।

गुजरात और दक्षिण भारत के संगीत और लोक धुनों को भी कार्यक्रम में शामिल किया गया है, जिससे इस सम्मेलन को अत्यंत विविध और रंगीन बनाया जा रहा है।

इस कार्यक्रम को ऐसे तैयार किया गया है कि विदेशी मेहमान अलग-अलग प्रदेशों और भाषाओं के गीत-संगीत से रूबरू हो सकें, जो लोक संगीत के साथ ही शास्त्रीय संगीत को भी जोड़ेगा।

यह सम्मेलन जी-20  के माध्यम से भारत की संस्कृति और संगीत को विश्व के सामने प्रस्तुत करने का एक अद्वितीय मौका है और इससे भारतीय संगीत की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता मिलेगी।

यह आयोजन भारतीय संगीत के सौंदर्य और विविधता को प्रकट करने का माध्यम है, जो विश्व के सभी को आकर्षित करेगा और संगीत की दुनिया को एक साथ आने का मौका देगा।

इसके साथ ही, इस कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय संस्कृति और संगीत को जी-20 सम्मेलन के आतिथ्य में प्रमोट करने का मौका मिलेगा, और विश्व के अन्य देशों के लोग भारत की विविधता और रिच धरोहर का अनुभव करेंगे।

इसके परिणामस्वरूप, भारतीय संस्कृति का संजीवनीकरण होगा और संगीत की दुनिया में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को साबित किया जाएगा।

इस अद्वितीय सम्मेलन के तहत, भारत ने विश्व को अपने संगीत और संस्कृति का आदान-प्रदान प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि संगीत का भारतीय मौका विश्व के सामने प्रस्तुत होगा और इसकी जगह उन्हीं महत्वपूर्ण साक्षरता के साथ होगी।

यह सम्मेलन भारतीय संस्कृति के आदान-प्रदान को महत्वपूर्ण तरीके से प्रस्तुत करने का एक अद्वितीय मौका है, जिससे विश्व भर के लोग भारतीय संस्कृति और संगीत के सौंदर्य का आनंद उठा सकेंगे।

जी-20 शिखर सम्मेलन के इस सम्मेलन के माध्यम से भारत ने संगीत की दुनिया के सभी को एक साथ आने और इसका आनंद लेने का मौका दिया है, और इससे संगीत की दुनिया में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को साबित किया जाएगा।

G20 शिखर सम्मेलन में भारतीय संस्कृति और संगीत की झलक देखने का मौका मिलेगा, जिसमें अलग-अलग हिस्सों से आए कलाकार अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों के साथ भारत की संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे।

इसके साथ ही, ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ गीत से भी होगी प्रस्तुति, जिससे इस सम्मेलन का महत्व और विविधता बढ़ जाएगा।

इस संगीतमय प्रस्तुति के माध्यम से भारत अपनी संस्कृति और संगीत को विश्व के सामने प्रस्तुत करेगा, और इससे भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण रूप से प्रमोट किया जाएगा।

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