लखनऊ (एजेंसी)। कांग्रेस में लंबे समय से बागी सुर बुलंद करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। समाजवादी पार्टी से समर्थन से राज्यसभा के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने इसका खुलासा किया। पत्रकारों से बातचीत में कपिल सिब्बल ने खुलासा किया कि वह कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं।
उन्होंने कहा कि 16 मई को ही कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया था। कपिल सिब्बल ने कांग्रेस से इस्तीफे का खुलासा करते हुए कहा, हम विपक्ष में रहकर एक गठबंधन बनाना चाहते हैं ताकि मोदी सरकार का विरोध करें। हम चाहते हैं कि 2024 में ऐसा माहौल बने हिन्दुस्तान में कि मोदी सरकार की जो खामियां हैं वह जनता तक पहुंचाई जाएं। मैं खुद इसका प्रयास करूंगा। सिब्बल ने यह भी कहा कि उन्हें सभी दलों ने समर्थन दिया है।
बनना चाहता था आजाद आवाज
सिब्बल ने समर्थन के लिए आजम खान का भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने खुद साफ किया कि वह सपा में शामिल नहीं होने जा रहे हैं, बल्कि निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया है। सिब्बल ने कहा, मुझे खुशी है कि मैं राज्यसभा का निर्दलीय उम्मीदवार बनने जा रहा हूं। मैं हमेशा इस देश में स्वतंत्र आवाज बनना चाहता था। मुझे खुशी है कि अखिलेश यादव ने इसे समझा। हम पार्टी का सदस्य होने पर उसके अनुशासन से बंध जाते हैं।
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
कपिल सिब्बल के राज्यसभा की उम्मीदवारी पर अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, राज्यसभा चुनाव में कपिल सिब्बल सपा के समर्थन से जा रहे हैं। वह वरिष्ठ अधिवक्ता रहे हैं। देश के जाने-माने केस लड़े हैं। लोकसभा और राज्यसभा में उन्होंने काफी अच्छे मुद्दे उठाए हैं। उनका राजनीतिक करियर भी अच्छा रहा है। वह कई मुद्दों को खुलकर उठाएंगे।
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कांग्रेस से क्यों नाराज हैं सिब्बल?
सिब्बल लंबे समय से कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। सिब्बल कांग्रेस से नाराज नेताओं के जी-23 टीम में भी शामिल थे। उन्होंने लगातार चुनावों में मिल रही हार का ठीकरा भी कांग्रेस नेतृत्व पर ही फोड़ा था। हालांकि, पार्टी छोडऩे के बाद उन्होंने कांग्रेस पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। सिब्बल ने कहा, जब तक मैं पार्टी का हिस्सा था तब तक मैं वहां के लिए बोल सकता था। अब मेरा उस पार्टी से नाता नहीं है। इसलिए मेरा बोलना ठीक नहीं है।