भांडा फोड़

दिन में कपड़े सिलना,रात में मर्डर , यह है वो सीरियल किलर

देश के ऐसे सीरियल किलर की कहानी बताने जा रहे हैं जो एक दर्जी था, लेकिन समय के साथ खूंखार हत्यारा बन गया। यह दिन में लोगों के कपड़े सिलता था, लेकिन रात होते ही शैतान बन जाता था। इस सीरियल किलर पर 33 लोगों की हत्या का आरोप था। इस सीरियल किलर का नाम आदेश खामरा है। आइए जानते हैं भारत के इस खतरनाक सीरियल किलर के बारे में…

बीते दशक महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में ट्रक ड्राइवरों और हेल्परों की हत्याओं का सिलसिला शुरू हुआ था। इन राज्यों की पुलिस इन हत्याओं को लेकर परेशान थी कि यूपी और बिहार में भी ट्रक ड्राइवरों और क्लीनरों की लाशें मिलनी शुरू हो गईं। इस मामले की पुलिस जांच कर रही थी, लेकिन उसके हाथ सिर्फ इतना लगा कि हत्या करने का तरीका एक जैसा है। मुख्य तौर पर हत्याएं ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगों की हो रही थीं।

साल 2018 में रायसेन के माखन सिंह अपने ट्रक में सरिया लादकर जा रहे थे। रास्ते में एक अंजान शख्स सवारी के नाम पर उनके ट्रक में सवार हो जाता है। सूनसान रात में ट्रक सड़क पर दौड़ता चला जा रहा था। माखन को इस बात की जरा भी भनक नहीं थी कि जो सवारी के नाम पर शख्स उनके बगल में बैठा है असल में वो एक सीरियल किलर है।

उसी रात माखन की हत्या कर दी जाती है और उनका ट्रक पुलिस को लावारिस हालत में भोपाल के पास मिलता है। माखन सिंह हत्याकांड की जांच में भोपाल पुलिस ने खामरा के साथी जयकरण को पकड़ा और फिर कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए मंडीदीप के आदेश खामरा नाम के दर्जी तक पहुंच गई। जब आदेश को पकड़ा गया तो पुलिस को यह नहीं पता था कि देश का सबसे दुर्दांत सीरियल किलर उसके कब्जे में है।

आदेश खामरा ने पहले तो मुंह नहीं खोला, लेकिन पुलिस ने जब उसके बेटे को भी केस में आरोपी बनाने की बात कही तो वह टूट गया। बाद में उसने ऐसे खुलासे किए कि पुलिस वाले भी हैरान रह गए। उसने अपने गैंग की मदद से 6 राज्यों में नौ साल के दौरान 33 लोगों की हत्याएं की थी। वो और उसके साथी ट्रक ड्राइवरों और हेल्परों से पहले किसी ढाबे पर मिलकर दोस्ती करते थे। आदेश का पार्टनर जयकरण ट्रक ड्राइवर-कंडक्टर को कभी पार्टी देने के नाम पर तो कभी उनके ट्रक में अपना मोबाइल फोन चार्ज करने के बहाने फंसाता था। इसके बाद उन्हें नशीली मिठाई खिलाकर हत्या करते थे और लूट लेते थे।

हत्या आरोपी ट्रक का सामान भी बाजार में बेच देते थे। हर कत्ल के बदले उसे 25 से 30 हजार रुपये मिलते थे। कई राज्यों में फैले हर गैंग के सदस्य आपस में कोडवर्ड में ही बात करते थे। जयकरण का काम ट्रक ड्राइवर-क्लीनर को अपनी बातों में फंसाना रहता था। जयकरण फोन कर आदेश से कहता था कि भाई साहब, कुछ मीठा तो खिला दो। इसका मतलब होता था कि ट्रक ड्राइवर-कंडक्टर उसके झांसे में आ चुके हैं, आप आओ और नशीली दवा खिलाकर उन्हें बेहोश कर दो।

पुलिस के सामने इस सीरियल किलर का रुआब भी देखने लायक था। पूछताछ से पहले उसने पुलिस के सामने ही हाथों पर खैनी लेकर रगड़ी, खाया, फिर बोला अब लिखो सब बताता हूं कैसे मारा। उसके इस अंदाज को देखकर पुलिस वाले भी हक्के-बक्के रह गए। उसने घूर रहे एक पुलिसकर्मी को भी अपने अंदाज में कहा ‘घूरो मत, को-ऑपरेट करो’। ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगों की हत्याओं के साथ उसने सुपारी लेकर आम लोगों की भी हत्याएं की थीं।

अपराध शुरू करने से पहले तक आदेश दर्जी का ही काम करता था। इसमें इतनी कमाई नहीं होती थी कि परिवार का खर्च अच्छे से चल सके। आपराधिक प्रवृत्ति के दोस्तों के संपर्क में आकर आदेश जुर्म की दुनिया में कदम रख दिया। आदेश को सभी वारदातें बतौर तारीख याद थीं। हत्याएं करते-करते वह मानसिक बीमार हो चुका था. हत्या करना भी उसने काम का हिस्सा मान लिया था. लेकिन अपराध तो अपराध है हत्या की सजा फांसी होती है. यदि वह इसी कारण से बच भी जाता है अंतरात्मा को सजा देगी. कोई सर्व शक्ति है. वह भी सजा उसको देगी. यानी वहां भी उसको सजा मिलेगी.

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