इस मौके पर उन्होंने जी-20 की अध्यक्षता करने पर भारतीय लोगों को गर्व का अनुभव करने की बात कही।
वे प्राथमिकता देने वाले एक बड़े समारोह के साक्षात्कार में से होने के लिए पूरे विश्व को देखते थे, लेकिन आज, विश्व भारत की ओर देख रहा है।
उन्होंने कहा कि नए भारत में देशवासियों के मन में विश्व के नेतृत्व करने के लिए तत्परता उत्पन्न हुई है।
इस उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।
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उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले समय में उनके सामने बहुत सारे अवसर और चुनौतियां होंगी। छात्रों को इन अवसरों का लाभ उठाकर कड़ी मेहनत के द्वारा दुनिया के नेतृत्व करना होगा।
संस्थान के निदेशक, प्रोफेसर केके पंत ने इस समीक्षा के दौरान कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 विद्यार्थियों के लिए अपार संभावनाएं प्रस्तुत करती है।
उन्होंने साथ ही रोजगार के नए अवसरों के भी संदर्भ में बातचीत की। उन्होंने युवा पीढ़ी के दम पर ही भारत को विश्व गुरु बनाने का सपना देखा है।
उत्तराखंड में आने वाली आपदाओं के समाधान के लिए भी संस्थान की ओर से अनुसंधान कार्य हो रहे हैं।
इस समिट में, जो विभिन्न क्षेत्रों से आए विशेषज्ञ और विद्वान हैं, उन्होंने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अहम कार्यों के प्रस्तुतिकरण किए।
यह समिट भारत के ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में नए और उन्नत उपायों को प्रोत्साहित करता है जो वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी नवाचारों को प्रोत्साहित करते हैं।
इस समारोह ने भारत के नागरिकों को गर्व के साथ भर दिया है, क्योंकि यह समझाता है कि भारत ने वैज्ञानिक शोध और तकनीकी विकास के क्षेत्र में भी एक नेतृत्वी भूमिका अदा कर रखी है।
इससे यह संकेत मिलता है कि भारत ने न केवल राजनीतिक विश्व में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज की है, बल्कि विज्ञान और तकनीक में भी अपने दम पर अग्रणी भूमिका बनाने की क्षमता रखती है।
इस समारोह के आयोजन के माध्यम से, आईआईटी रुड़की और थिंक इंडिया ने यह दिखाया है कि भारतीय शिक्षा और अनुसंधान क्षेत्र में उन्नति के लिए उन्हें सकारात्मक योगदान प्रदान करने की प्रतिबद्धता है।
यह समझा जा सकता है कि भारत के इस उत्कृष्ट शिक्षा संस्थान ने वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी नवाचारों में नए रूपों की उत्पत्ति और उन्नति के लिए अपने अनुसंधान क्षेत्र में अहम योगदान देने का एक प्रतिबद्धता से लाभ उठाया है।
इस समिट के माध्यम से, विश्व भर के वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञ भारत के उज्ज्वल भविष्य की ओर देख रहे हैं।
भारतीय शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में हो रही उन्नति ने विश्व भर के लोगों के मन में भारत के रूप में एक प्रमुख विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में वैशिष्ट्य और प्रभावशाली उपस्थिति का अभिन्न संबंध बना दिया है।
जी-20 इम्पैक्ट समिट के माध्यम से, भारत ने अपने वैज्ञानिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाया है और वैश्विक मंच पर अपने अभियांत्रिकी और अनुसंधान क्षेत्र में अग्रणी रूप से उभरने के लिए तत्परता प्रदर्शित की है।
इस समीक्षा में भारत द्वारा प्रदर्शित अद्भुत प्रगति ने भारत को एक नए और उच्च स्तरीय वैज्ञानिक रूप में मान्यता दिलाई है जो अब विश्व भर में एक विश्व गुरु के रूप में जाना जाता है।
इस समिट के सफलता पूर्वक आयोजन से, भारत ने एक नया प्रकरण शुरू किया है, जिसमें विश्व के अन्य राष्ट्रों के साथ सहयोग और भागीदारी को बढ़ावा दिया जा सकता है।
इस प्रकार के समीक्षा के माध्यम से, भारत ने विश्व भर में अपने गरिमा में वृद्धि के लिए स्थानीय स्तर से बढ़कर एक ग्लोबल स्तर पर अपनी उपस्थिति को सुदृढ़ किया है।
जी-20 इंपैक्ट समिट के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ और विद्वानों ने विभिन्न विषयों पर प्रस्तुतियाँ की हैं, जो विज्ञान और तकनीकी विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
इससे यह समझना मुश्किल नहीं है कि भारत ने उच्चतम स्तर के विचारशीलता और अध्ययन के रूप में एक प्रशंसनीय स्थान ग्रहण किया है।
जी-20 इंपैक्ट समिट के इस सफलता पूर्वक आयोजन से, भारत ने वैज्ञानिक शोध और तकनीकी विकास के क्षेत्र में एक नया प्रमुख स्थान दर्ज किया है जो अब विश्व भर के लोगों के मन में भारत के बारे में नई उच्चतम सोच को जगाने के लिए सक्षम होगा।
समारोह के उद्घाटन के माध्यम से, सीएम धामी ने संबोधित किया कि आईआईटी रुड़की और थिंक इंडिया ने इस समीक्षा को आयोजित करके एक महत्वपूर्ण प्रयास किया है, जिससे भारत के वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी विकास के क्षेत्र में और अधिक प्रगति हो सके।
इस समारोह ने भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में अपने विशेषता को प्रदर्शित किया है जिसके बारे में विश्व भर के वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञों के बीच में गर्व महसूस हो रहा है।
जी-20 इंपैक्ट समिट ने विश्व के वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञों के बीच भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना साबित होता है और इससे भारत द्वारा वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी विकास के क्षेत्र में एक उच्चतम स्तर प्राप्त करने की क्षमता प्रकट होती है।
इस समारोह ने भारत को एक विश्वस्तरीय विज्ञान और तकनीकी उदारीकरण के राज्य के रूप में बढ़ावा दिया है जो अब विश्व भर में एक प्रगति का प्रतीक बन गया है।