मानसून के दौरान स्वस्थ रहने का एक आसान और शक्तिशाली तरीका है अपने हाथ बार-बार धोना। इसकी मदद से आप कई गंभीर बीमारियों से महफूज रह सकते हैं और एक हेल्दी लाइफ जी सकते हैं।
खाना खाने से पहले और बाद में शौच के तुरंत बाद हाथ धोने सबसे ज्यादा जरूरी होता है। हैंडवाश की सुविधा न होने की स्थिति में हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मानसून का मौसम भीषण गर्मी से बहुत ज़रूरी राहत देता है, लेकिन यह जर्म्स और बैक्टीरिया के पनपने के लिए अनुकूल माहौल भी पैदा करता है, जिस वजह से कई सारी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
बारिश के मौसम में सिर्फ डेंगू, मलेरिया ही सबसे बड़े खतरे नहीं, बल्कि टायफाइड, जॉन्डिस जैसी समस्याएं भी आपको अपनी गिरफ्त में ले सकती हैं।
इनसे बचने का बहुत ही आसान उपाय है हाथ धोना। यकीन मानिए इस आदत को अपनाकर हर एक मौसम में हेल्दी रहा जा सकता है।
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बार-बार हाथ धोना आपको बीमार होने से बचाता है। नियमित रूप से हाथ धोने से जर्म्स, बैक्टीरिया को फैलने से रोकने में मदद मिलती है।
जिन जगहों पर हैंडवॉश और पानी उपलब्ध नहीं है, वहां हैंड सैनिटाइज़र एक प्रभावी उपाय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करने की सलाह देता है।
आइए जाने हाथ कब कब धोएं?
शौचालय का उपयोग करने के बाद।
खाने से पहले।
बाहर से घर लौटने पर।
किसी गन्दी सतह को छूने के बाद।
अपने हाथों पर पर्याप्त मात्रा में हैंडवॉश का प्रयोग करें।
हथेलियों के पिछले हिस्से, उंगलियों के बीच और नाखूनों के नीचे स्क्रब करना न भूलें। अपने हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक अच्छी तरह से रगड़ते रहें।
धोते हुए भी अपने हाथों को रगड़ते रहें,,अपने हाथों को साफ पानी से अच्छी तरह धोएं और साफ तौलिये से सुखाएं।
मानसून के दौरान नियमित रूप से हाथ धोने की आदत डालकर आप अपनी और अपने आसपास के लोगों की सुरक्षा करते हैं। बरसात के मौसम में स्वस्थ और खुश रहने का यह एक आसान तरीका है।
अगर हैंडवॉश और पानी उपलब्ध नहीं है, तो हैंड सैनिटाइज़र अपने पास रखें।
ऐसे सैनिटाइज़र चुनें जिसमें प्राकृतिक तत्व हों और जो गहराई से कीटाणुओं का सफाया कर सकें।