"सेलाकुई स्थित दून बिजनेस स्कूल में रैगिंग मामले पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा"
"The police itself took cognizance and registered a case, made many allegations including rebellion and assault"

सेलाकुई स्थित दून बिजनेस स्कूल में हुए रैगिंग के मामले के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जानकारी के अनुसार, इस मामले में बलवा, मारपीट, तोड़फोड़ और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमा किया है और जांच जारी है।
तीन दिन पहले, दून बिजनेस स्कूल में एक छात्र के साथ रैगिंग के कथित मामले की रिपोर्ट मिली थी।
कथित रूप से कई सीनियर छात्रों द्वारा मारपीट की गई थी, जिसका वीडियो वायरल हो गया था। इसके बाद आरोपित छात्र को 21 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था।
छात्रों का हंगामा
गुस्साए छात्रों ने मंगलवार रात कॉलेज के बाहर हंगामा किया था। और गाड़ियों और अन्य समान की भी तोड़फोड़ करने का आरोपी हैं।
दर्ज किए गए मामले की जांच डीबीएस की एंटी रैगिंग समिति द्वारा की जा रही है। स्थानीय पुलिस अधिकारी, एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि यह मामला रैगिंग का है या मारपीट का, इस पर जांच की जा रही हैं।
इस मामले के तहत पीड़ित छात्र अभी कोलकाता में हैं, लेकिन वह जब भी यहां वापस आएंगे, तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
रैगिंग का खत्म करना जरूरी
दून बिजनेस स्कूल के छात्रों और उनके माता-पिता ने रैगिंग के खिलाफ और स्कूलों में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है।
रैगिंग एक ऐसा अभिशाप है जो न केवल छात्रों की तनावमुक्ति को कमजोर करता है, बल्कि उनके जीवन को भी खतरे में डाल सकता है।
इस मामले के पीछे जो भी सच्चाई है, उसका पता लगाने के लिए जांच की जरूरत है। रैगिंग और मारपीट के आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के बजाय, इस घटना को एक साक्षर और नैतिक समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण सबक साबित करने का मौका बनाना चाहिए।
सभी स्कूल और कॉलेजों के छात्रों की सुरक्षा और उनकी मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए सख्त नियमों का पालन करना चाहिए।
रैगिंग और उससे जुड़े अपराधों के खिलाफ सशक्त कानूनी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि छात्र समुदाय के लोग बिना डर के पढ़ाई कर सकें और अपने सपनों को पूरा कर सकें।