उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ रोपवे को मिली मंजूरी.

इसके लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पहले ही स्वीकृति दे रखी है। बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था,

जिसमें दोबारा स्वीकृति लेने की आवश्यकता नहीं समझी गई।प्रमुख सचिव ने बताया दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे निर्माण की अनुमति मिली है।

गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक बनने वाले रोपवे के लिए एनवायरमेंट क्लियरेंस की आवश्यकता नहीं है।

लेकिन राज्य वन विभाग से इसकी अनुमति लेनी होगी।

इसके बाद ही लगभग 12 किलोमीटर के इस रोप-वे का निर्माण शुरू हो सकेगा।

प्रमुख सचिव वन के अनुसार केदारनाथ में पुराने पैदल मार्ग के पुननिर्माण में जो वन भूमि आ रही है।उस वन भूमि हस्तांतरण को बोर्ड बैठक में मंजूरी मिली है।

केदारनाथ धाम रोपवे के निर्माण में 1200 करोड़ व हेमकुंड साहिब से गोविंदघाट के लिए 850 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

एनएचएआई की एजेंसी नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड ने दोनो रोपवे की डीपीआर तैयार की है।

समुद्रतल से साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम के लिए सोनप्रयाग से करीब 18 से 20 किलोमीटर की पैदल दूरी है।

इसे तय करने में यात्रियों को लगभग आठ घंटे का समय लगता है।

रोपवे बनने से यह दूरी 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। यह क्षेत्र केदारनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर के तहत आता है।

 

 

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