उत्तराखण्ड

एमसीडी ने छह महीने में करीब 1,000 किलोग्राम प्रतिबंधित प्लास्टिक सामान किया जब्त:

निगम ने शुरू में बाजारों में रेहड़ी-पटरी वालों से प्रतिबंधित प्लास्टिक वस्तुओं का निरीक्षण और जब्ती शुरू की, लेकिन बाद में इसने मुख्य बाजारों में दुकानों और दुकानों का निरीक्षण करना शुरू कर दिया।

निगम द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, स्वच्छता टीम ने जुलाई से अब तक शहर भर में प्लास्टिक प्रतिबंध के कुल 3,666 उल्लंघनों की पहचान की है और प्रत्येक चिन्हित उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया है।

मुख्य नगरपालिका स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अविनाश खन्ना ने कहा कि टीमों ने पिछले छह महीनों में कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के 7,640 से अधिक निरीक्षण किए और लगभग 1,000 किलोग्राम प्रतिबंधित प्लास्टिक आइटम जब्त किए।

उन्होंने कहा कि एमसीडी द्वारा लगाया गया न्यूनतम जुर्माना 500 रुपये था और जुलाई से उसने नियमानुसार जुर्माना लगाकर लगभग 10 लाख रुपये का राजस्व एकत्र किया है।

उन्होंने कहा कि एमसीडी ने स्थानीय स्तर पर निगम की कार्योन्मुखी योजना के उचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार के सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अभियान के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर पिछले छह महीनों में 100 सफाई कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी किया है।

उन्होंने कहा कि निगम पैकेजिंग के लिए प्रतिबंधित सामग्री का इस्तेमाल करने वाले भोजनालयों के खिलाफ प्लास्टिक विरोधी अभियान शुरू करने पर भी विचार कर रहा है।

वे शहर में प्रतिबंधित प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू करेंगे।

उन्होंने कहा कि एमसीडी की टीमें प्रतिबंधित प्लास्टिक उत्पादों का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं पर जुर्माना भी लगाएंगी।

खन्ना ने कहा कि स्थानीय लोग भी शहर में प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में इस तरह के घोर उल्लंघन के बारे में निगम से शिकायत कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि निगम स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 को ध्यान में रखते हुए शहर भर में स्वच्छता सुविधाओं में सुधार के लिए अगले कुछ हफ्तों में कुछ और पहल शुरू करेगा। एसएस 23 में शीर्ष 50 सबसे स्वच्छ शहर।

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