नई दिल्ली (एजेंसी)। एक दिन पहले विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि बीसीसीआई ने उन्हें टी-20 की कप्तानी छोडऩे से मना नहीं किया था। यह दावा सीधे-सीधे बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली के बयान के उलट था। गांगुली ने कहा था कि विराट को कप्तानी छोडऩे से मना किया गया था।
माना जा रहा है कि गांगुली विराट के इस बयान से नाराज हैं। इसके संकेत गुरूवार को गांगुली के और भी कड़ा स्टेटमेंट जारी कर देने से भी मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि लोग विराट के मामले को बीसीसीआई पर छोड़ दें। बोर्ड इससे अपने तरीके से निपट लेगा।
अब तक हुआ क्या है?
बीसीसीआई की सीनियर सिलेक्शन कमेटी ने रोहित शर्मा को वनडे और टी-20 टीम का कप्तान बनाने की घोषणा की। विराट वनडे की कप्तानी नहीं छोडऩा चाहते थे। इस पर गांगुली ने कहा कि बोर्ड ने उनसे सितंबर में ही कहा था कि अगर वे टी-20 की कप्तानी छोड़ेंगे तो वनडे में उन्हें कप्तान बनाए रख पाना मुश्किल होगा।
इसलिए वे टी-20 में कप्तान बने रहें। गांगुली के मुताबिक, विराट ने ऐसा करने से मना कर दिया और फिर बीसीसीआई के पास विराट से वनडे कप्तानी लेने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया था। बकौल गांगुली वाइट बॉल क्रिकेट में दो कप्तान नहीं हो सकते हैं।
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इसके बाद विराट ने बड़ा धमाका करते हुए यह कह दिया कि उन्हें टी-20 की कप्तानी छोडऩे से किसी ने नहीं रोका, बल्कि बीसीसीआई उनके इस फैसले से खुश था। विराट ने यह भी कहा कि दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए टेस्ट टीम की घोषणा से महज 90 मिनट पहले उन्हें बताया गया कि वे अब वनडे टीम के कप्तान नहीं हैं।
दादा ने गुरुवार को पहले किया सवालों को इग्नोर
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गांगुली से विराट कोहली के मामले पर सवाल पूछे गए, लेकिन उन्होंने कहा, मैं इस मामले में कोई कमेंट नहीं करूंगा। बोर्ड इस मामले से अपने तरीके से निपटेगा। बार-बार पत्रकार कोहली और गांगुली के विवाद के बारे में दादा से सवाल कर रहे थे, लेकिन वो सवाल को इग्नोर कर दे रहे थे। जब पत्रकार नहीं माने, तब गांगुली ने ये जवाब दिया।
गांगुली ने साफ किया- कप्तान चुनना बोर्ड का काम
गांगुली के बयान से साफ नजर आया कि बोर्ड इस मसले पर सख्ती दिखा सकता है। कप्तान चुनना बोर्ड का काम है। विराट कोहली से जुड़ा मामला ऐसा नहीं है, जो बोर्ड सुलझा न सके। एक बोर्ड अधिकारी ने पहले ही बोल रखा है कि वो दक्षिण अफ्रीका दौरे के बाद सब कुछ सही कर देंगे।
टेस्ट सीरीज में टीम का ध्यान न हो भंग इसलिए फैसला
गांगुली-शाह नहीं करेंगे कोहली से बात
भारतीय कप्तान विराट कोहली की तूफानी प्रेस कॉन्फ्रेंस से स्तब्ध भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) इस संकट से निपटने के लिए विकल्पों पर विचार कर रहा है जबकि यह भी सुनिश्चित करेगा कि मैदान के बाहर के नाटकीय घटनाक्रम से महत्वपूर्ण टेस्ट सीरीज से पहले टीम का ध्यान भंग नहीं हो। भारतीय टेस्ट कप्तान कोहली ने तीन मैचों की सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका रवाना होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि जब उन्होंने टी-20 टीम की कप्तानी छोडऩे का फैसला किया तो उन्हें रोका नहीं गया। उनका बयान बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली के बयान के विपरीत था जो उन्होंने मीडिया में दिया था।
पता चला है कि गांगुली और सचिव जय शाह सहित बीसीसीआई के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बुधवार को ‘जूम कॉल’ पर बात की जहां सामूहिक रूप से फैसला किया गया कि कोई भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करेगा और ना ही प्रेस विज्ञप्ति जारी करेगा। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया, ‘विशेषज्ञ का नजरिया जाना गया कि इस संवेदनशील मामले से कैसे निपटा जाए क्योंकि इससे अध्यक्ष के कार्यालय का सम्मान जुड़ा है। बीसीसीआई को पता है कि टेस्ट सीरीज होने वाली है और जल्दबाजी में लिया गया उनका कोई फैसला या बयान टीम का मनोबल प्रभावित कर सकता है।‘ कप्तान और अध्यक्ष के लिए सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि दोनों बैठकर सौहार्दपूर्ण तरीके से मतभेद या संवादहीनता का हल निकालें। फिलहाल गांगुली या शाह के कप्तान से बात करने की संभावना कम है।