इस दौरान पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
इसी को देखते हुए पर्वतीय जिलों में पर्वतारोहण और ट्रेकिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इसी के साथ ही ट्रेकिंग और पर्वतारोहण पर गए व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है।
आपको बता दें कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकला नेहरु पर्वतारोहण संस्थान का 44 पर्वतारोहियों का दल मंगलवार सुबह द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत के पास हिमस्खलन की चपेट में आ गया था।
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वहीं हादसे 14 लोगों को बचाया गया है और 19 के शव बरामद कर लिए गए है।
अभी भी 10 प्रशिक्षु पर्वतारोही लापता हैं और उनकी तलाश के लिए खोज बचाव की टीम जुटी हुई है।
वहीं बरामद किए गए 19 शवों को बेसकैंप क्षेत्र में रखा गया है। मौसम साफ होने पर सभी शवों को हर्षिल हैलीपेड पर लाया जाएगा।
डीजीपी अशोक कुमार ने इस बात की पुष्टि की है।
लापता पर्वतारोहियों के खोजबीन के लिए शुक्रवार को सुबह 7 बजे वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर हर्षिल से बैस कैम्प के लिए रवाना हुए हैं।
वहीं पर्वतारोहियों के बचाव के लिए जम्मू कश्मीर के हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग के जांबाजों को उतारा गया था।
आपको बता दें कि गुरुवार यानी कल सुबह टीम देहरादून से उत्तरकाशी बेस कैंप के लिए रवाना हुई।
इन जवानों के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई।
उत्तरकाशी पहुंचकर हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु किया।