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राजा जनक की ससुराल कहां है आपको भी नहीं पत्ता तो देखिये यहाँ

Secret of Raja Janak's in-laws house: Know here where your Janakpur is located!

राजा जनक की ससुराल कहां है : जनकपुर नेपाल में स्थित एक धार्मिक स्थल है, जो प्राचीन काल में मिथिला राज्य की राजधानी भी था। आज हम आपको राजा जनक की ससुराल कहां है यह बता रहे है. दोस्तों जनकपुर के अंतर्गत मुख्य रूप से मैथिली, हिंदी और नेपाली भाषा का प्रयोग किया जाता है।

राजा जनक की ससुराल कहां है

राजा जनक की ससुराल यहाँ है रामायण के अनुसार राजा जनक का ससुराल जनकपुर था। जनकपुर प्राचीन काल में नेपाल के अंतर्गत स्थित एक काफी महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थल था। जनकपुर प्राचीन काल में मिथिला की राजधानी हुआ करता था, और इसी जनकपुर के अंतर्गत सीता के पिता जी राजा जनक का ससुराल था।

यहां को देखने के लिए अनेक लोग प्रत्येक वर्ष आते हैं। जनकपुर का नाम नेपाल के प्रमुख पर्यटन स्थलों की सूची के अंतर्गत आता है, इसके पीछे का मुख्य कारण यह है, कि यह स्थल भगवान श्रीराम से जुड़ा हुआ है, तो अनेक हिंदू पर्यटक तथा अनेक हिंदू धर्म के लोग यहां पर घूमने आते हैं।

राम जानकी के कई मंदिर स्थित है यहाँ 

जनकपुर के अंतर्गत ग्राम तथा राम जानकी के कई मंदिर स्थित है, जिन को देखने के लिए अनेक पर्यटक स्थल आते हैं। इस जनकपुर का इतिहास भगवान श्री राम तथा रामायण के साथ जुड़ा हुआ है। जनकपुर के अंतर्गत भगवान श्री राम की अनेक मंदिर स्थित है, इसके अलावा यह शहर भगवान श्री राम की पत्नी सीता के साथ भी काफी जुड़ा हुआ है।

यहां के स्थानीय लोगों के बीच श्री राम की पत्नी सीता का काफी महत्व है, तथा इसकी पूजा भी की जाती है। हिंदू धर्म के लोगों के दी यह पर्यटक स्थल उनके प्रमुख पर्यटक स्थल की सूची में आता है।

जनकपुर नेपाल में श्री राम की सीता के साथ सगाई हुई थी

जैसा कि आपने रामायण के अंतर्गत पड़ा होगा या फिर देखा होगा कि जब श्री राम की सीता के साथ सगाई हुई थी, उससे पहले सीता के पिता जी राजा जनक ने एक स्वयंबर का आयोजन करवाया था, जिसके अंतर्गत एक शिव धनुष को रखा गया था, तथा उस शिव धनुष उसको उठाकर जो भी उसे प्रत्येका च, उसके साथ सीता विवाह करने वाली थी।

यह कार्य किसी भी राजा के लिए करना काफी मुश्किल था, क्योंकि यह शिव धनुष काफी ज्यादा भारी था। जैसा कि आपको पता है, कि श्री राम तो खुद ही भगवान है, तो उन्होंने यह काम कर दिया था। दोस्तों राजा जनक के द्वारा इस नंबर का आयोजन भी जनकपुर के अंतर्गत ही करवाया गया था, जो की रामायण को इस जनकपुर के साथ काफी करीब से जोड़ देता है।

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