ब्लड प्रेशर हाई होने से हार्ट अटैक स्ट्रोक जैसी कई समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। हाइपरटेंशन की समस्या लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतों की वजह से होती है।
प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन कई तरह के रिस्क पैदा कर सकता है इसलिए इसे कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। कुछ खास तरह के न्यूट्रिशन हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने में कर सकते हैं मदद।
प्रेग्नेंसी महिलाओं के लिए उतार-चढ़ाव वाली जर्नी होती है। इस दौरान उनके शरीर में होने वाले बदलाव कई तरह की परेशानियों की वजह बन सकते हैं जिसमें से एक है हाइपरटेंशन।
इस समस्या में शरीर की धमनियों में ब्लड का प्रेशर बहुत बढ़ जाता है।
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यह स्थिति मां के साथ होने वाले बच्चे के लिए भी खतरनाक है। दुनियाभर में करीब 15 फीसदी प्रेग्नेंट महिलाएं उच्च रक्तचाप का शिकार होती हैं।
हालांकि कुछ न्यूट्रिएंट्स के जरिए गर्भावस्था में हाइपरटेंशन की समस्या को काफी हद तक कंट्रोल में रखा जा सकता है।
कैल्शियम : शरीर में कैल्शियम की कमी से कुछ खास तरह के हार्मोन्स रिलीज होते हैं, जो हाइपरटेंशन की वजह बन सकते हैं।
इनसे ब्लड वेसेल्स में कॉन्ट्रेक्शन होता है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। प्रेग्नेंसी में रूटीन चेकअप बिल्कुल भी मिस न करें, जिससे डॉक्टर जरूरी न्यूट्रिएंट्स के बारे में आपको गाइड कर सकें।
कैल्शियम की पूर्ति के लिए पनीर, दही और अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स को डाइट में शामिल करें।
सोडियम और पोटैशियम : बॉडी में पोटैशियम की कम मात्रा और सोडियम की बहुत ज्यादा मात्रा भी ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करते हैं।
इसलिए प्रेग्नेंसी में नमक का सेवन सीमित मात्रा में ही करें। साथ ही बहुत ज्यादा जंक और प्रोसेस्ड फूड्स अवॉयड करना चाहिए क्योंकि इनमें नमक की बहुत ज्यादा मात्रा होती है।
फलों, सब्जियों से बॉडी में इन न्यूट्रिएंट्स को बैलेंस रखने की कोशिश करें।
ओमेगा 3 फैटी एसिड : कई सारी रिसर्च बताती हैं कि प्रेग्नेंसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड की पर्याप्त मात्रा हाइपरटेंशन के खतरे को कम करने का काम करती है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड के लिए मछली को डाइट में शामिल करें। इसके अलावा अलसी की बीज, अखरोट, सोयाबीन, पालक में भी इसकी अच्छी मात्रा मौजूद होती है।
विटामिन-डी : शरीर में विटामिन डी की कमी से भी ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार प्रेग्नेंट महिलाओं को रोजाना 10 से 25 माइक्रोग्राम विटामिन डी लेना चाहिए।