"हाईकोर्ट का अवैध खनन पर सख्त रुख"
"Increasing danger in Kotdwar - Illegal mining on Suswa river puts life in danger"

हाईकोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की नेतृत्व में कोटद्वार के निवासी शिव सिंह की जनहित याचिका की सुनवाई की।
जानकारी के अनुसार, जिसमें खुलासा हुआ है कि सुसवा नदी और बुल्लावाला पुल के नीचे अवैध खनन किया जा रहा है, जिससे नदी के तट पर बसे लोगों को बड़ा खतरा हो सकता है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में खनन माफिया भारत नारंग के खिलाफ भी कार्रवाई करने की गुजारिश की है और सरकार से यह सवाल उठाया है कि अवैध खनन को रोकने के लिए क्यों कोई कदम नहीं उठाया गया।
नदी के तट पर बसे लोगों के लिए यह खतरनाक हो सकता है क्योंकि अवैध खनन से नदी के पानी में प्रदूषण हो रहा है और पुल के पास बड़ी मात्रा में वेस्ट प्लास्टिक जमा हो गया है। इसके चलते पुल के लिए जीवन को खतरे में डाला जा सकता है।
हाईकोर्ट ने गढ़वाल में सुसवा नदी और बुल्लावाला पुल के नीचे हो रहे अवैध खनन के मामले के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को उनके खिलाफ कदम उठाने की गुजारिश की है।
कोर्ट ने संबंधित क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिलाधिकारी को पुल के पास एकत्रित वेस्ट प्लास्टिक का निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं।
लगातार हो रहे खनन से कुड़कावाला व बुल्लावाला में सुसवा नदी पर बने पुल को खतरा बढ़ गया है।
जिम्मेदार अधिकारी भी इसे लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं, बावजूद इसके खनन गतिविधियों पर रोक नहीं लग पाए हैं।
यदि नदियों में लगातार खनन जारी रहा तो पुल कभी भी गिर सकता है, इसलिए अवैध खनन पर रोक लगाई जाए।
यदि नदियों में लगातार खनन जारी रहा तो पुल कभी भी गिर सकता है, इसलिए अवैध खनन पर रोक लगाई जाए।
शिव सिंह और उनकी टीम ने खनन माफिया और सरकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने खनन के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की थी।
कोटद्वार में सुसवा नदी और बुल्लावाला पुल के नीचे हो रहे अवैध खनन के मामले में हाईकोर्ट की दिशा और निर्देशों के बावजूद, सरकार के कदम नहीं उठाने से खतरा बढ़ रहा है।
नदियों की सुरक्षा और पुल की भविष्य को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से त्वरित कदम उठाने की गुजारिश की है।
इस मामले में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव के बारे में भी चिंता व्यक्त की गई है, और सरकार से नदी की सफाई और पुल के पास जमा वेस्ट प्लास्टिक के प्रबंधन के लिए कदम उठाने की भी मांग की गई है।
कोटद्वार हाईकोर्ट के निर्देशों के बावजूद, खनन माफिया और अवैध खनन के प्रति सख्त कार्रवाई की जरूरत है, ताकि सुसवा नदी पर बने पुल को सुरक्षित रखा जा सके और नदियों का प्राकृतिक स्वरूप भी संरक्षित रह सके।