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'उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं में खटास, केंद्र की योजनाएं बेहाल !

Lack of director in NHM of Uttarakhand in health department and mixed conflict of central schemes.

उत्तराखंड स्वास्थ्य महकमा में अधिकारियों की कमी से रुका केंद्र का कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन । 

स्वास्थ्य महकमे में हर काम संभव है। योजनाओं को लेकर बड़े-बड़े आदेश और निर्देश जारी होते हैं, लेकिन वो आदेश सिर्फ हवा हवाई ही साबित होते है।

सूत्रों के मुताबित , स्वास्थ्य विभाग की सबसे महत्वपूर्ण शाखा एनएचएम के ऊपर केंद्र की योजनाओं को अमली जामा पहनाने का दारोमदार है।

वह पूर्ण रूप से ही चौपट दिखाई दे रहा है। उत्तराखंड स्वास्थ्य महकमें ने तो मानो संपूर्ण सिस्टम को ही तांक पर रखा हुआ है आलम यह है कि एनएचएम में पिछले लंबे समय से निदेशक की तैनाती नही हो सकी है।

जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्र की योजनाओं को सटीक तरीके से लोगों तक पहुंचने में विभाग कितना गंभीर है ।

वाह वाही लूटने के लिए तो विभाग में चौतरफा काम होता है लेकिन जब अधिकारियों और मुलाजिमुखी तैनाती की बात होती है तो फिर अधिकारी बगलें झांकने लगते हैं।

डॉक्टर सरोज नैथानी को हटाए जाने के बाद आज तक एनएचएम को निदेशक नही मिला है।

अब तक शासन में भी इस बात को लेकर कोई चर्चा या प्रस्ताव नही पहुंचा है, जिससे एनएचएम जैसी महत्वपूर्ण शाखा में अब तक निदेशक नही है।

अब भला केंद्र की योजनाओं का किस गति से क्रियान्वयन हो रहा है ये जिलों की हालत को देखकर समझ जा सकता है।

आज भी तमाम राष्ट्रीय कार्यक्रमो की मॉनिटरिंग सही तरीके से नहीं हो रही है,  जिससे केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को नही मिल पा रहा है।

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