नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में राशन कार्ड (Ration Card) को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म हैं. लिहाजा बड़ी तादाद में लोग अपने राशन कार्ड वापस कर रहे हैं. सवाल यह है कि लोगों में राशन कार्ड को लेकर डर क्यों है? गाजियाबाद के खाद्य आपूर्ति विभाग के दफ्तर में सुबह से ही राशन कार्ड वापस करने वालों का तांता लगा है.
दरअसल इसके पीछे एक सरकारी पत्र है जिसमें यूपी सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए नए नियम घोषित किए हैं. इसके मुताबिक सरकारी राशन कार्ड लेने वालों की आय दो लाख रुपये सालाना से अधिक न हो, ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, एसी और जनरेटर न हो, 100 वर्गमीटर से ज्यादा का मकान, बंदूक का लाइसेंस और पांच एकड़ से ज्यादा जमीन न हो.
गाजियाबाद के रजापुर से आईं सुधा शर्मा की नाराजगी सातवें आसमान पर है. गृहिणी सुधा शर्मा ने कहा कि ”मेरे घर में चार पहिया की गाड़ी है, इसलिए मैं राशन कार्ड को सरेंडर करना चाहती हूं. मेरी चार पहिया गाड़ी 25 साल पुरानी है. कोरोना से पहले जब मेरा पति रिटायर हो गया तब राशन कार्ड बनावाया क्योंकि हमारी इनकम कोई न रही. पति प्राइवेट नौकरी में थे. हमारी इनकम कोई है नहीं, लेकिन एक कार्ड के लिए क्या हम गाड़ी में नहीं बैठेंगे, एसी में नहीं सोएंगे? वोट लेना होता है तो नेता हाथ जोड़ते हैं.”
गाजियाबाद में राशन कार्ड वापस करने वालों की कतार में हेमलता भी लगी हैं. उनकी बहू नौकरी करती है, जो अब अलग रहती है. लेकिन कार्रवाई के डर से वे राशन कार्ड में से बहू का नाम कटवाने के बजाय राशन कार्ड ही वापस कर रही हैं. उन्होंने कहा कि ”करवाना था केवल अपनी बहू का कैंसिल, लेकिन डर के मारे मैंने पूरे नाम कटवा दिए. हमें बहुत जरूरत है. इनके पापा को सुनाई नहीं देता है. वे घर बैठे रहते हैं. हमें इसकी बहुत जरूरत है.”
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इसी भीड़ में राजेश भी राशन कार्ड वापस करने आए हैं. 20 साल से उनका राशन कार्ड है लेकिन बेटे की शादी में एसी मिला, अब वे भी कार्ड लौटाने आएं हैं. राजेश ने कहा कि ”लड़के की शादी में एसी मिला था. मेरी नौकरी भी नहीं है. अखबारों में पढ़ा था कि एसी वाले राशन कार्ड नहीं ले सकते.”
गाजियाबाद में अब तक करीब 3000 हजार लोग कार्ड वापस कर चुके हैं. गाजियाबाद ही नहीं हापुड़ में भी राशन कार्ड वापस करने वालों की भीड़ लगी है. यहां करीब 2000 लोग अब तक कार्ड वापस कर चुके हैं.
दरअसल राशन कार्ड को लेकर डर तब लोगों के बीच फैला जब इस तरह का एक पत्र मीडिया में वायरल हुआ . जिसमें लिखा था कि अपात्र राशनकार्ड धारकों को अंतिम चेतावनी देते हुए सचेत किया जाता है कि एक सप्ताह के अंदर अपना राशन कार्ड जमा कर दें अन्यथा राशन कार्ड निरस्त करने के साथ ही वैधानिक कार्रवाई होगी व जब से उक्त परिवार गेंहू या चावल ले रहा है आकलन करके 24 रुपये किलो के हिसाब से गेहूं और 32 रुपये किलो के हिसाब से चावल की रिकवरी की जाएगी.
साथ ही कहा गया कि सरकारी राशन कार्ड लेने वालों की दो लाख रुपये सालाना आय न हो, ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, एसी और जनरेटर न हो, 100 वर्गमीटर से ज्यादा का मकान, बंदूक का लाइसेंस और 5 एकड़ से ज्यादा जमीन न हो.
गाजियाबाद की जिला आपूर्ति अधिकारी सुधा चौधरी ने कहा कि अपात्र लोग अपना राशन कार्ड वापस कर दें वरना विधिक कार्रवाई की जाएगी व 24 रुपये के हिसाब से गेहूं और 32 के हिसाब से चावल की रिकवरी की जाएगी.
मीडिया में ऐसी खबरें आते ही लोग घबराकर अपने राशन कार्ड वापस करने लगे. लेकिन तीन बाद ही सरकार को अपनी गलती का अहसास हुआ और आदेश में संशोधन करते हुए विधिक कार्रवाई और रिकवरी जैसे नियम वापस ले लिए गए. अब अधिकारियों ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है.
कार्ड वापस करने वाले कई अपात्र भी हैं लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो डर के मारे अपना राशन कार्ड वापस कर रहे हैं. चुनाव खत्म हो चुका है, कई नियमों में अब बदलाव भी हो रहा है. लेकिन नियम बनाने वाले ये अधिकारी पहले कहां थे जब बिना वेरीफिकेशन किए ये राशन कार्ड बन रहे थे.