'उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 मजदूरों के बचाव के लिए जारी राहत और बचाव कार्य में चौथा दिन, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी'
Rescue operation started using new machine to save laborers trapped in Silkyara tunnel in Uttarkashi.

उत्तरकाशी : यमुनोत्री हाईवे के पास निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए जारी राहत एवं बचाव कार्य का आज चौथा दिन है।
मंगलवार को रात करीब 12 बजे मशीन से ड्रिलिंग का काम शुरू हुआ। इसके साथ ही श्रमिकों को बचाने की उम्मीद भी बढ़ चलीं।
सुरंग के अंदर मलबे में पहला पाइप डालने के लिए ड्रिलिंग शुरु हुई, लेकिन ऑगर ड्रिलिंग मशीन में तकनीकी खराबी आ गई।
जिसके बाद खराब मशीन को हटाकर नई ड्रिलिंग मशीन की स्थापना के लिए प्लेटफॉर्म लेवलिंग का काम शुरू किया गया।
सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 72 घंटे से अधिक का समय हो चुका है। मशीन में खराबी से रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित हुआ है।
तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि आज बुधवार को मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
इसके पूर्व मंगलवार को सुबह से लेकर रात तक कई बार उम्मीदें बंधती और बिगड़ती रहीं।
हरिद्वार से आयरन पाइप और देहरादून से ड्रिलिंग के लिए ऑगर मशीन पहुंचने के बाद दोपहर को प्लेटफार्म तैयार करने का काम शुरू हुआ।
इस दौरान मलबा गिरने से कुछ समय तक कार्य बाधित रहा। रात करीब नौ बजे जब सुरंग में ड्रिलिंग शुरू हुई तो फिर मलबा गिरने लगा।
जिससे उस स्थान को शॉटक्रिटिंग कर सीमेंट का छिड़काव किया गया। उसके सेट होने पर रात करीब 12 बजे फिर ड्रिलिंग शुरू हुई।
इसके पूर्व पूजा भी की गई, एयरफोर्स के तीन विशेष हरकुलीस विमानो द्वारा 25 टन भारी मशीन चिन्यालीसौढ हवाई पट्टी पर उतारा गया था जो सड़क मार्ग से रात को ही पहुंचा दी गई थीं हालांकि विमान से मशीन को उतरने में काफी दिक्कत पेश आती थी।
आखिर अब जो 70 मीटर मलबे को भेद कर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मददगार साबित होगी।
इस मशीन के जरिए प्रति घंटे 5 मीटर मलबा निकाला जा सकेगा। सरकार अपनी तरफ से कोई भी कोताही बरतने के मूड में नहीं है।
मुख्यमंत्री स्वयं इसमें पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री भी बार बार सीएम धामी से सीधे अपडेट ले रहे हैं।
अब नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद ली जा रही है। रेस्क्यू टीम ने थाईलैंड की उसे रेस्क्यू कंपनी से संपर्क किया है जिसने थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकाला था।
नॉर्वे की एन जी आई एजेंसी से भी संपर्क किया गया है जिससे सुरंग के भीतर ऑपरेशन में विशेष सुझाव लिए जा सके।
भारतीय रेल, आर वी एन एल, राइट्स एवं इरकॉन के विशेषज्ञों से भी सुरंग के भीतर ऑपरेशन से संबंधित सुझाव लिए जा रहे हैं।
हालांकि मंगलवार को साईट पर स्थानीय लोगो और फंडे मजदूर के परिजनों ने सुरंग बना रही कंपनी पर मजदूरों को निकालने में लेटलटीफी और लापरवाही का आरोप भी लगाया जो कि बाद में नियंत्रित कर लिया गया।