रैणी बाढ़ 2021 में 7 फरवरी की सुबह आई थी।
रैणी व अन्य स्थानों पर हुई मौतों के अलावा सलधार गांव को जुवड़वाड़ से जोड़ने वाला पुल भी बह गया था।
हादसे के दो साल बाद भी उक्त पुल का पुनर्निर्माण नहीं हो सका है।
जुवागवाड़ गांव के निवासी करीब दो साल से अपने गांव आने और जाने के लिए एक ट्रॉली पर निर्भर हैं।
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ग्रामीण पुष्कर सिंह राणा का कहना है कि यदि कोई ग्रामीण रात में बीमार पड़ता है तो उसे अस्पताल ले जाने के लिए सुबह तक का इंतजार करना पड़ता है क्योंकि उन्हें लोक निर्माण विभाग द्वारा पदस्थापित ट्रॉली संचालिका का इंतजार करना पड़ता है।
रात या सुबह किसी भी आपात स्थिति में ट्राली संचालक का घंटों इंतजार करना पड़ता है।
पुल न होने और गांव में आने-जाने का एकमात्र साधन ट्रॉली होने के कारण, उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के विवाह समारोह गांव के बाहर किसी होटल में आयोजित किए जाते हैं।
जिसे सभी वहन नहीं कर सकते। राणा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दो साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने पुल का पुनर्निर्माण नहीं किया है।