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"जोशीमठ में हलचल के साथ भूकंप की चिंता"

Study by Wadia Institute of Himalayan Geology shows concern about earthquake in Joshimath

जोशीमठ में भूधंसाव के कारणों और अब वहां के हालात को लेकर विज्ञानियों से कराए गए अध्ययन में नई-नई जानकारियां सामने आई।

जानकारी के अनुसार, यह अध्ययन भूकंपों के कारणों को समझने में मदद करेगा और नकारात्मक प्रभावों से बचाव की रणनीतियों की मदद करेगा।

इसके अलावा, विज्ञानियों ने सूक्ष्म भूकंपों को भी रिकॉर्ड किया है, जो भूगर्भ में 10 किलोमीटर की गहराई में हो रहे हैं।

वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान से कराया गया अध्ययन जोशीमठ में भूकंप की चिंता को जाहिर करता है।

भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के बारे में चिंता न करने के लिए भारत में अन्यत्र से ब्रॉडबैंड आधारित सिस्मोलॉजिकल स्टेशनों की नई स्थापना की गई है।

भूकंप से कांपी थी जोशीमठ की धरती, अध्ययन रिपोर्ट में संस्थान के विज्ञानियों ने 13 जनवरी से 12 अप्रैल के बीच आए भूकंपों को रिकॉर्ड किया है।

वाडिया संस्थान के विज्ञानियों ने जोशीमठ के इस भूकंपीय क्षेत्र में 11 सिस्मिक स्टेशन स्थापित किए हैं, जो रियल टाइम जानकारी प्रदान करने में सक्षम हैं।

इस बात की जानकारी हाल में सार्वजनिक की गई, वाडिया संस्थान की अध्ययन रिपोर्ट में साझा की गई है, वाडिया की अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, 11 सिस्मोलॉजिकल स्टेशन का जो नेटवर्क तैयार किया गया है, वह एक मैग्नीट्यूड तक के सूक्ष्म भूकंप तक को रिकॉर्ड करने में सक्षम है।

रिपोर्ट के मुताबिक सिस्मोग्राफ ने अध्ययन अवधि में सबसे बड़ा भूकंप 24 जनवरी 2023 को 5.4 मैग्नीट्यूट का रिकॉर्ड किया।

इसका केंद्र जोशीमठ से 100 किलोमीटर दूर नेपाल के पश्चिमी भाग में पाया गया।

सिस्मोग्राफ निरंतर रिकार्ड कर रहा शोर भूगर्भीय हलचल से उत्पन्न ध्वनि को भी सिस्मोग्राफ निरंतर रिकॉर्ड कर रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक इस अवधि में जोशीमठ के 50 किलोमीटर के दायरे में 1.5 मैग्नीट्यूड के 16 बार भूकंप रिकॉर्ड किए गए।

जोशीमठ में मंडरा रहा है भूकंप का डर इसका मतलब है कि जोशीमठ और इसके आस-पास क्षेत्र में भूकंप की घटनाएं निरंतर हो रही हैं।

यह स्थिति भूगर्भ में निरंतर तनाव की ओर भी इशारे कर रही है।

 

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