क्या आपको भी दिखती है फ्यूचर की घटना? : आप अपने दोस्तों के साथ कहीं घूमने गए और वहां पर जाने के बाद आपको ऐसा लगा कि अरे यहां तो पहले भी आए थे। या कहीं कुछ ऐसा हो रहा हो जो आपको लगे कि ऐसा पहले भी हो चुका है। ये न सिर्फ हमारे साथ बल्कि कभी न कभी आपके साथ भी हुआ होगा। करीब 90% लोगों के साथ ऐसा होता ही है। ऐसा होता है ये तो पता है लेकिन क्या कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? इसके पीछे क्या वैज्ञानिक कारण (Scientific Reasons) है या फिर कोई बीमारी है ?
अब तो उत्सुकता और भी बढ़ गई होगी कि आखिर ये क्या बला है जिस वजह से ऐसा होता है, कहीं हमें कोई भयानक बीमारी तो नहीं हो गई है, या फिर दिमाग का पेंच ढीला हो गया है। अरे रुको जरा सबर करो!! हम सब कुछ आपको बताने वाले हैं। चलिए फिर देर किस बात की खोजी नारद से जान लीजिये इस अनोखी समस्या के बारे में…
क्या है इस अनोखी समस्या का नाम
अगर आपको भी लगता है कि आपके साथ जो हो रहा है वो पहले भी हुआ है, तो घबराइए नहीं। ये कोई बीमारी नहीं बल्कि ये मेमोरी इल्यूजन (Memory illusion) से जुड़ी एक साइंटिफिक थ्योरी (Scientific Theory) पर आधारित है जिसे Déjà vu कहा जाता है। अगर फुकरे 2 देखी होगी तो दिमाग में ये शब्द क्लिक कर गया होगा।
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क्या होता है Déjà vu
अब ये भी जान लेते हैं कि Déjà vu। दरअसल ये एक फ्रेंच वर्ड है जिसका अर्थ होता है पहले से देखा हुआ। अगर किसी को कभी ऐसा लगता है कि जो उनके साथ हो रहा है वो पहले भी हुआ है, या इसे उन्होंने देखा है तो ये Déjà vu से जुड़ी घटना है। ये टाइम ट्रैवल से संबंधित होता है। जान लें कि इसमें जो घटना हुई है वो दो भागों में डिवाइड हो जाती है। एक हिस्सा अलग होता और दूसरा हिस्सा अलग हिस्से में जुड़ जाता है।
अब आपके दिमाग में ये भी आ रहा होगा कि आखिर Déjà vu होता क्या है? दरअसल अभी तक वैज्ञानिकों के पास भी इसका कोई सही जवाब नहीं है। उनकी एक थ्योरी कहती है कि इस दौरान हमारा दिमाग दो हिस्सों में बंट जाता है। जब हम कभी बहुत ज्यादा थक जाते हैं या हैंगओवर होता है तो हमारा दिमाग ये सोचने लगता है कि जो अभी हो रहा है वो पहले भी हुआ है।