प्लेटलेट्स की कमी से होने वाले रोग : आज हम प्लेटलेट्स कम होने के क्या लक्षण है तथा प्लेटलेट्स कम होने के क्या कारण है इस विषय पर चर्चा करेंगे। डेंगू में अधिकतर लोगों के लिए प्लेट्स की कमी को भारी मात्रा में दर्शाया गया था तब आपको लगा की कैसे हमारे शरीर के लिए प्लेटलेट्स जरूर हैं
प्लेटलेट्स की कमी से होने वाले रोग
प्लेटलेट्स की कमी (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया) से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं, क्योंकि प्लेटलेट्स का मुख्य कार्य खून के जमने (कोगुलेशन) में मदद करना है। प्लेटलेट्स की कमी से होने वाले रोग और स्वास्थ्य समस्याओं की सूची निम्नलिखित है:
1. खून का जमना (कोगुलेशन) कठिन होना:
- घाव या चोट पर अधिक खून बहना: प्लेटलेट्स की कमी से छोटे-छोटे घाव भी अधिक खून बह सकते हैं।
- अत्यधिक मासिक धर्म: महिलाओं में प्लेटलेट्स की कमी के कारण मासिक धर्म अधिक रक्तस्राव वाला हो सकता है।
2. पैटिक (पेटीकिया) और एक्जिमा:
- पैटिक (पेटीकिया): त्वचा पर छोटे, लाल या बैंगनी धब्बे जो प्लेटलेट्स की कमी का संकेत हो सकते हैं।
- एक्जिमा: त्वचा पर रक्तस्राव के कारण खुजली और सूजन।
3. अंतर्राष्ट्रीय घाव:
- नासूर: आमतौर पर गहरे घाव या चोटों के कारण।
4. एंटी-इम्यून डिसऑर्डर:
- इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (ITP): इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली प्लेटलेट्स को नष्ट कर देती है, जिससे प्लेटलेट्स की संख्या घटती है।
5. भारी रक्तस्राव की स्थिति:
- अंतर्राष्ट्रीय आंतरिक रक्तस्राव: प्लेटलेट्स की कमी से आंतरिक अंगों में रक्तस्राव हो सकता है, जो गंभीर स्थिति हो सकती है।
6. फैट के अंदर रक्तस्राव:
- दिमाग या अन्य अंगों में रक्तस्राव: गंभीर मामलों में, प्लेटलेट्स की कमी से आंतरिक अंगों में रक्तस्राव हो सकता है, जिससे जीवन के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है।
7. हड्डी के मज्जा की बीमारियाँ:
- लीकिमिया या मायलोमा: जो बोन मैरो की सामान्य कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं और प्लेटलेट्स की कमी पैदा कर सकते हैं।
8. सामान्य स्वास्थ्य समस्याएँ:
- क्लासिकल थ्रोम्बोसाइटोपेनिया: प्लेटलेट्स की कमी के कारण सामान्य स्वास्थ्य समस्याएँ भी हो सकती हैं जैसे थकान, कमजोरी, और चक्कर आना।
अगर प्लेटलेट्स की कमी का संदेह है या इसके लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर आपके स्वास्थ्य की सही स्थिति को समझने के लिए आवश्यक परीक्षण करेंगे और उचित उपचार का सुझाव देंगे।
प्लेटलेट्स कम होने के क्या लक्षण है
प्लेटलेट्स की कमी (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया) के कई लक्षण हो सकते हैं, जो आमतौर पर खून के जमने (कोगुलेशन) की प्रक्रिया में कमी के कारण होते हैं। यहां कुछ प्रमुख लक्षण हैं:
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1. त्वचा पर धब्बे और चकत्ते:
- पैटिक (पेटीकिया): छोटे, लाल या बैंगनी धब्बे जो त्वचा पर दिखाई देते हैं।
- एक्जिमा: त्वचा पर रक्तस्राव के कारण लालिमा और खुजली।
2. खून बहने की समस्याएँ:
- आसान नाक से खून बहना: बिना किसी स्पष्ट कारण के।
- मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव: महिलाओं में, मासिक धर्म अधिक भारी और लंबा हो सकता है।
3. आंतरायिक रक्तस्राव:
- साधारण घावों या चोटों से अधिक खून बहना: छोटे-छोटे घाव या कट भी अधिक खून बह सकते हैं।
- लंबे समय तक खून बहना: दांतों की सफाई या किसी अन्य मामूली गतिविधि के दौरान।
4. सांस की तकलीफ:
- सांस लेने में कठिनाई: कभी-कभी प्लेटलेट्स की कमी से आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है जो सांस की समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।
5. थकान और कमजोरी:
- असामान्य थकावट: प्लेटलेट्स की कमी से ऊर्जा की कमी हो सकती है, जिससे थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
6. गेंदों में खून जमना:
- सूजन और दर्द: शरीर के विभिन्न अंगों में रक्तस्राव से सूजन और दर्द हो सकता है।
7. मतली और उल्टी:
- मतली और उल्टी: कुछ मामलों में, आंतरिक रक्तस्राव के कारण मतली और उल्टी हो सकती है।
8. दिमाग में रक्तस्राव:
- सरदर्द: गंभीर मामलों में, दिमाग में रक्तस्राव हो सकता है, जिससे तेज़ सिरदर्द, दृष्टि में बदलाव, या समन्वय में समस्या हो सकती है।
अगर आप इन लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं या प्लेटलेट्स की कमी का संदेह है, तो तुरंत चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर आपके लक्षणों का मूल्यांकन करके उचित परीक्षण करेंगे और निदान करेंगे, जिससे सही उपचार किया जा सके।
प्लेटलेट्स कम होने के क्या कारण है
प्लेटलेट्स की कमी (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया) के कई कारण हो सकते हैं, जो विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों से संबंधित हो सकते हैं। यहाँ कुछ सामान्य कारण दिए गए हैं:
1. ऑटोइम्यून विकार:
- इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (ITP): शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली प्लेटलेट्स को नष्ट कर देती है। यह प्राथमिक या द्वितीयक हो सकता है, जहां द्वितीयक ITP किसी अन्य बीमारी के परिणामस्वरूप होता है।
2. इंफेक्शन और वायरस:
- वायरल संक्रमण: जैसे कि हेपेटाइटिस C, HIV, और एप्स्टीन-बार वायरस (EBV) प्लेटलेट्स की संख्या को प्रभावित कर सकते हैं।
- बैक्टीरियल संक्रमण: कुछ संक्रमण भी प्लेटलेट्स की कमी का कारण बन सकते हैं।
3. हड्डी के मज्जा (बोन मैरो) की बीमारियाँ:
- लीकिमिया: हड्डी के मज्जा में कैंसर के कारण प्लेटलेट्स का उत्पादन कम हो सकता है।
- मायलोमा: बोन मैरो में अजीब तरह के प्लाज्मा कोशिकाएँ प्लेटलेट्स के उत्पादन को प्रभावित कर सकती हैं।
- एप्लास्टिक एनीमिया: हड्डी के मज्जा का पूर्ण या आंशिक विफलता प्लेटलेट्स का उत्पादन कम कर सकता है।
4. दवाओं के दुष्प्रभाव:
- हीपरिन: एक रक्त पतला करने वाली दवा, कभी-कभी प्लेटलेट्स की संख्या घटा सकती है।
- ऐंटिबायोटिक्स, एस्पिरिन, और अन्य दवाएँ: कुछ दवाएँ प्लेटलेट्स की कमी का कारण बन सकती हैं।
5. प्लीहा (स्प्लीन) की समस्याएँ:
- प्लीहा का बढ़ना (स्प्लीनोमेगाली): प्लीहा प्लेटलेट्स को जमा कर सकती है, जिससे खून में उनकी संख्या कम हो जाती है।
6. पोषण की कमी:
- विटामिन बी12 या फोलिक एसिड की कमी: इन पोषक तत्वों की कमी प्लेटलेट्स के उत्पादन को प्रभावित कर सकती है।
7. लिवर रोग:
- लिवर सिरोसिस: लिवर की बीमारियाँ प्लेटलेट्स के उत्पादन और विघटन को प्रभावित कर सकती हैं।
8. कैंसर और उसका उपचार:
- कीमोथेरेपी और रेडिएशन: कैंसर के उपचार से प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है।
- कैंसर: कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे कि लिम्फोमा, प्लेटलेट्स को प्रभावित कर सकते हैं।
9. हेमोलिटिक अनिमिया:
- प्लेटलेट्स की अत्यधिक क्षति: हेमोलिटिक अनिमिया में, खून की लाल कोशिकाएँ जल्दी टूट जाती हैं, जिससे प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है।
10. अन्य चिकित्सा स्थितियाँ:
- सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (SLE): एक ऑटोइम्यून विकार जो प्लेटलेट्स की संख्या को प्रभावित कर सकता है।
यदि प्लेटलेट्स की कमी का संदेह हो, तो तुरंत चिकित्सा परामर्श लें। डॉक्टर आपके लक्षणों, मेडिकल इतिहास, और आवश्यक परीक्षणों के आधार पर सही निदान और उपचार प्रदान करेंगे।