उत्तराखण्ड

600 से ज्यादा घरों में दरारें और फट रहीं सड़कें, एनडीआरएफ़, एसडीआरएफ़ की टीमें तैनात, डरे लोग: जोशीमठ 

उत्तराखंड के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू ने जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार को जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।

राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार और मुख्यमंत्री की सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम के साथ संधू ने जमीन धंसने से बुरी तरह प्रभावित मनोहर बाग, सिंगधार और मारवाड़ी इलाकों का निरीक्षण किया।

अधिकारियों ने कहा कि बड़ी दरारें वाले मकानों में रह रहे 13 और परिवारों को प्रशासन ने रविवार को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

600 से ज्यादा घरों में पड़ीं दरारें:

चमोली जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय ने बताया कि अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंचाए गए परिवारों की संख्या अब 68 हो गई है।

गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि कस्बे में 610 मकानों में दरारें आई हैं।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर निवासियों की सुरक्षा और पुनर्वास के लिए अब तक उठाए गए कदमों सहित स्थिति की जानकारी ली और उन्हें आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया।

प्रधानमंत्री कार्यालय  ने रविवार को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद कहा कि उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने कहा है कि केंद्रीय विशेषज्ञों के सहयोग से राज्य और जिले के अधिकारियों ने जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन किया है और सूचित किया है कि लगभग 350 मीटर चौड़ी भू-पट्टी प्रभावित हुई है।

PMO ने बताया कि केंद्र सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ जोशीमठ की स्थिति से निपटने के लिए योजनाएं तैयार करने में उत्तराखंड की मदद कर रहे हैं।

पीएमओ ने एक बयान में बताया कि पीड़ित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी चिंतित हैं और उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ स्थिति का जायजा लिया है।

एनडीआरएफ़, एसडीआरएफ़ की टीमें तैनात:

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की एक टीम और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की चार टीम पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं।

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा ने बैठक की। मिश्रा ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुरक्षा तत्काल प्राथमिकता होनी चाहिए और राज्य सरकार को निवासियों के साथ स्पष्ट और निरंतर संचार स्थापित करना चाहिए।

सीमा प्रबंधन सचिव और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य सोमवार को उत्तराखंड का दौरा करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे।

केंद्र सरकार की स्थिति पर नजर:

उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने बैठक के दौरान PMO को जमीनी स्थिति की जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ जोशीमठ की स्थिति से निपटने के लिए लघु, मध्यम और दीर्घकालीन योजनाएं तैयार करने में उत्तराखंड सरकार की मदद कर रहे हैं।

मिश्रा ने बताया कि स्थिति और खराब होने से रोकने के लिए तत्काल प्रयास किए जाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि विभिन्न केंद्रीय संस्थानों- NDMA, NIDM, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान और केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों को उत्तराखंड के साथ मिलकर काम करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि एक स्पष्ट समयबद्ध पुनर्निर्माण योजना तैयार की जानी चाहिए और निरंतर निगरानी की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जोशीमठ के लिए जोखिम के प्रति संवेदनशील शहरी विकास योजना भी विकसित की जानी चाहिए।

समीक्षा बैठक में कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के अलावा उत्तराखंड के मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) ने वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया।

बैठक में जोशीमठ जिला के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।

 

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