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हवाई दूरी पर जिला विकास प्राधिकरणों का फैसला हवाई, पांच माह में शासनादेश नहीं

"Important decision by district development authorities on air distance"

प्राधिकरणों का दायरा पर्वतीय क्षेत्रों में हाईवे के 50 मीटर हवाई दूरी और मैदानी क्षेत्रों में 100 मीटर हवाई दूरी तक होगा।

प्राधिकरण का परिक्षेत्र घटाने के साथ ही नक्शा पास कराने का शुल्क को 50 प्रतिशत कम किया गया था।

पांच माह पहले सरकार ने जिला स्तरीय विकास प्राधिकरणों को सक्रिय करने का जो निर्णय कैबिनेट बैठक में लिया था, वह अभी तक हवा-हवाई है।

इसका शासनादेश जारी नहीं हो पाया, जिसके चलते नए क्षेत्र प्राधिकरणों के दायरे में नहीं आ पाए। पहाड़ में मनमाने और बेतरतीब निर्माण जारी हैं।

प्राधिकरण सक्रिय होने के बाद रोक सकेगी अनियमित निर्माण

इस मामले में, अपर मुख्य सचिव आवास आनंद बर्द्धन का कहना है कि शासनादेश जारी होने की प्रक्रिया चल रही है।

प्राधिकरण सक्रिय न हुए तो कैसे लागू होंगे मास्टर प्लान?

सरकार प्रदेश के 63 निकायों का मास्टर प्लान तैयार कर रही है, जिसमें अमृत 2.0 योजना के तहत छोटे शहरों का भी मास्टर प्लान बनेगा।

जब तक प्राधिकरण सक्रिय नहीं होंगे, तब तक इस मास्टर प्लान को लागू नहीं किया जा सकेगा।

चौड़ी सड़कों के लिए जरूरी है कि सड़कों के किनारे नियमानुसार निर्माण हों।

प्राधिकरणों के न होने की वजह से नियम विरुद्ध कई मंजिला इमारतें बन गईं थीं।

प्राधिकरण होंगे तो नक्शा पास होगा और तय मानकों में ही निर्माण हो सकेंगे।

 

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