ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में आपको अपना शिकार बना सकता है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ट्यूमर का खतरा ज्यादा होता है।
सिरदर्द कमजोरी तनाव बैलेंस करने में परेशान फोकस न कर पाना ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हो सकते हैं।
हालांकि लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलावों से काफी हद तक ब्रेन ट्यूमर के खतरे को कम किया जा सकता है।
ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है। दुनिया में बहुत तेजी से ब्रेन ट्यूमर के मामले बढ़ रहे हैं।
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समय रहते अगर इसकी पहचान न की जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकता है। यह ब्रेन में अनियंत्रित कोशिकाओं के बढ़ने के कारण होता है।
ब्रेन ट्यूमर की वजहों के साथ इसके लक्षणों के बारे में भी जानना बहुत जरूरी है, तभी आप इस गंभीर से बचाव कर सकेंगे।
ब्रेन ट्यूमर एक तरह से ब्रेन की कोशिकाओं का एक अनियंत्रित समूह होता है जो हमेशा बढ़ता रहता है। ये ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं।
पहला Benign, जिसमें ब्रेन के ट्यूमर बेहद धीमी गति से बढ़ते हैं और ये खतरनाक नहीं होते।
दूसरा Malignant, इसमें ट्यूमर बहुत तेजी से बढ़ते हुए ब्रेन के कई हिस्सों में फैल जाते हैं। यह ट्यूमर खतरनाक और जानलेवा होता है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण : उल्टी, सिरदर्द, सुनने या देखने में बदलाव, शारीरिक संतुलन बिगड़ना ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हैं। इसके अलावा याददाश्त कमजोर होना, सोचने-समझने की क्षमता पर असर भी इसके लक्षणों में शामिल है।
कुछ मामलों में, ब्रेन ट्यूमर आनुवंशिक हो सकता है। अगर परिवार या माता-पिता में से पहले से किसी को ब्रेन ट्यूमर हुआ है, तो आने वाली पीढ़ी में भी इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है।
रेडिएशन एवं पर्यावरण : जानकारी के अनुसार,, रेडिएशन थेरेपी या अन्य स्रोतों से बहुत ज्यादा मात्रा में रेडिएशन के संपर्क में आने से ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ सकता है।
इसके अलावा, कुछ विषैले पदार्थों के संपर्क में आने से ब्रेन ट्यूमर का जोखिम बढ़ सकता है।
उदाहरण के लिए, केमिकल फैक्ट्री में काम करने वाले लोगों में ब्रेन ट्यूमर का खतरा ज्यादा होता है।
ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर बच्चों और बूढ़े लोगों में ज्यादा देखने को मिलता है।
कुछ खास तरह के ब्रेन ट्यूमर पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलते हैं, जैसे- मेनिंजियोमा।
ब्रेन ट्यूमर की रोकथाम के लिए क्या करें?
हेल्दी व बैलेंस डाइट लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जिससे कैंसर के खतरों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
ब्रेन ट्यूमर से बचने के लिए डाइट में हरी सब्जियों, फलों और साबुत अनाज को शामिल करें।
नियमित योग एवं व्यायाम करें
नियमित व्यायाम या योग करने से शरीर में स्वस्थ से साथ दिमाग भी स्वस्थ रहता है। एनर्जी बढ़ती है, मोटापा कम होता है। साथ ही कई तरह के कैंसर से भी बचाव होता है।
रेडिएशन से कैसे करें बचाव
अनावश्यक रेडिएशन थेरेपी से बचना चाहिए। जरूरत हो तभी डॉक्टर की सलाह से रेडिएशन थेरेपी लें।
केमिकल का कम प्रयोग करें
ब्रेन कैंसर से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा ऑर्गेनिक फूड का इस्तेमाल करना चाहिए। प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ ही केमिकल से दूर रहें।
आजकल की खराब जीवनशैली और खान-पान की वजह से ब्रेन कैंसर तेजी से हमारे बीच फैल रहा है। अगर एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और सतर्क रहें तो इस गंभीर बीमारी को अपने करीब आने से रोक सकते हैं।