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ईरान में हिजाब पर पाबंदी के खिलाफ संसद द्वारा पारित विधेयक

Hijab issue in Iran - Bill passed by Parliament imposes heavy restrictions on women

ईरान की संसद ने हिजाब के मामले में एक नया विधेयक पारित किया है, जिसमें हिजाब पहनने से इनकार करने पर महिलाओं पर भारी जुर्माने की सजा है। 

जानकारी के अनुसार, ईरान की संसद ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण विधेयक पारित किया है, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने से इनकार करने वाली महिलाओं और उनके साथी पर भारी जुर्माने का प्रावधान है।

यह फैसला 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के एक वर्ष पूरा होने के कुछ वक्त बाद उठाया है।

महसा अमीनी को इस्लामिक परिधान परंपरा का पालन नहीं करने के आरोप में ‘मोरैलिटी पुलिस’ ने हिरासत में लिया था।

बाद में अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। इस घटना के विरोध में देश में कई महीनों तक प्रदर्शन हुए थे और सत्ता विरोधी स्वर भी तेज हुए थे।

 हिजाब नहीं पहनने पर भारी जुर्माना 

हिजाब को लेकर पारित इस विधेयक में हिजाब नहीं लगाने पर महिलाओं पर भारी जुर्माने के अलावा उन कारोबारियों को भी दंड देने का प्रावधान है जो हिजाब नहीं पहनीं महिलाओं को सामान बेचते हैं या अन्य प्रकार की सेवाएं देते हैं।

विधेयक की विवादित प्रक्रिया

इस विधेयक के खिलाफ लामबंद होने पर अधिकार कार्यकर्ताओं को भी दंडित किये जाने की प्रावधान है।

दोषियों को इन अपराधों के लिए दस वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है। ईरान की 290 सदस्यीय संसद में 152 सांसद इसके पक्ष में थे।

गार्डियन काउंसिल को भेजा जाएगा

इस विधेयक को अब अंतिम मंजूरी के लिए ‘गार्डियन काउंसिल’ के पास भेजा जाएगा।

यह मौलवियों की एक इकाई है जो संवैधानिक निगरानीकर्ता के तौर पर काम करती है।

प्रदर्शन और सरकारी कार्रवाई

अमीनी की मौत के बाद 16 सितंबर 2022 से देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए थे। प्रदर्शनकारियों पर सरकार ने कड़ी कार्रवाई की जिससे इस वर्ष की शुरुआत में जाकर प्रदर्शनों पर काबू पाया जा सका।

सरकार की कार्रवाई में 500 से अधिक प्रदर्शनकारी मारे गए और 22,000 से अधिक को हिरासत में लिया गया।

इस विधेयक के पारित होने से हिजाब पर लगे सख्त प्रतिबंध के प्रति आम जनता की राय भिन्न-भिन्न है।

जानकारी के अनुसार, यह निर्णय ईरान की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना में महिलाओं की स्वतंत्रता और अधिकारों के साथ कई प्रश्नों को उठाता है।

अब यह देखना होगा कि गार्डियन काउंसिल की अंतिम मंजूरी के बाद कैसे बदलते हैं ईरान के सामाजिक मानसिक और सांस्कृतिक परिदृश्य।

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