उदयपुर. नगर संवाददाता & मेवाड़ की राजनीति में धमाकेदार एंट्री करने वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पाटी (आरएलपी) के सुप्रीमों अब मेवाड़ में अपने विस्तार को लेकर खासे उत्साहित है। इसके लिए आरएलपी सुप्रीमों ने वल्लभनगर उपचुनाव में दूसरे नम्बर पर रहे उदयलाल डांगी को फ्री हैंड करते हुए पूरी छूट दे दी है वे आरएलपी का विस्तार करे और यहां पर संगठन को मजबूत करें। आरएलपी के इस निर्णय से भाजपा को तो नुकसान होना तय है लेकिन इससे कांग्रेस भी अछूती नहीं रहेगी और दोनों दलों से कई नेता इस दल में अच्छे पद के लिए जा सकते है और आने वाले चुनावों में यह संगठन मेवाड़ की राजनीति में दोनों ही दलों के लिए चुनौती का काम करेगा।
देखा जाए तो विधानसभा उपचुनाव से पहले मेवाड़ में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पाटी (आरएलपी) का नाम लेने वाला कोई नहीं था और मेवाड़ के कई लोगों ने इस पार्टी का नाम तक नहीं सुना था, लेकिन विधानसभा के इस उपचुनाव ने वल्लभनगर ही नहीं मेवाड़ के लोगों की जुबां पर एक बार तो आरएलपी नाम चढ़ा ही दिया। भाजपा से बगावत करने के बाद जब उदयलाल डांगी किसी बड़े नेता की ओर देख रहे थे तभी इसे अच्छा मौका पाकर नागौर सांसद और आरएलपी सुप्रीमोंहनुमान बेनीवाल ने उदयलाल डांगी को हाथों-हाथ लिया और डांगी को आरएलपी का प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार दिया। उदयलाल डांगी पिछले कई वर्षों से भाजपा में सक्रिय रहे और वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव में 47 हजार वोट लाने के बाद से ही उदयलाल जमकर मेहनत कर रहे थे, लेकिन ऐन वक्त पर टिकट कटने से सहानुभूति भी मिली और इस सहानुभूति को भुनाने के लिए हनुमान बेनीवाल ने भी पूरा जोर लगा दिया। स्वयं हनुमान बेनीवाल करीब 15 दिन तक वल्लभनगर रहे और जमकर प्रचार किया और इसका परिणाम रहा कि उदयलाल डांगी उपचुनाव मेें दूसरे स्थान पर रहे और 45101 वोट प्राप्त किए। चुनाव से मात्र 22 दिन पहले आरएलपी ने मेवाड़ में प्रवेश किया और मात्र 22 दिन के प्रचार में आरएलपी दूसरे स्थान पर रही तो यह आरएलपी नेताओं के लिए धमाकेदार एंट्री से कम नहीं रहा।
इस धमाकेदार एंट्री के बाद आरएलपी सुप्रीमों हनुमान बेनीवाल बड़े ही उत्साहित है और उन्होंने उदयलाल डांगी को आरएलपी का प्रदेश महामंत्री बना दिया और साथ ही मेवाड़ का प्रभारी भी बना दिया गया। साथ ही डांगी को मेवाड़ में संगठन का विस्तार कर कार्यकारिणी बनाने और उसका विस्तार करने की जिम्मेदारी दी। इसके साथ ही वर्ष 2023 के चुनावों पर भी फोकस करने के लिए कहा ताकी मेवाड़ की सभी सीटों पर आरएलपी चुनाव लड़ सकें। इसके लिए उदयलाल डांगी ने प्रयास भी शुरू कर चुके है। चुनाव में दूसरे नम्बर पर रहने के बाद उदयलाल डांगी ओर से एक सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें सारी रूपरेखा बनाई गई और अब इसी तरह से काम होगा।
कौन-कौन संगठन से नाराज, पता है उदयलाल को
सबसे बडी बात यह है कि उदयलाल डांगी खुद राजनीति में लम्बे समय से सक्रिय है और लगातार संगठन के कार्यक्रमों में जाते रहतें थे। ऐसे में उन्हें पता है कि भाजपा में कौन-कौन संगठन से नाराज है और क्यूं नाराज है। जरूरत है केवल उस पर हाथ रखने की और उसकी जरूरतों को पूरा करने की। क्योंकि भाजपा में ऐसे कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता, जिन्होंने लम्बे समय तक संगठन में काम किया है, लेकिन वे कार्यकर्ता ही बनकर रह गए। जब कुछ मिलने का समय आया तो पैराशूट से दूसरा आ गया। इससे कई कार्यकर्ता खासे नाराज है और वे उदयलाल के साथ जा सकतें है।
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कांग्रेस में भी कुछ ऐसी ही स्थिति
इधर कांग्रेस की स्थिति भी इससे अलग नहीं है। कांग्रेस में तो ज्यादा बिखराव है और आए दिन कोई ना कोई पदाधिकारी खुलकर अपनी ही पार्टी के विरोध में आ जाता है। ऐसे में जो नया-नया कांग्रेस में जाता है वह यह राजनीति देखकर घबरा जाता है ऐसे में उसके लिए आरएलपी नया ऑप्शन है।
विधानसभा चुनाव 2023 पर फोकस
सबसे बड़ी बात यह है कि 2023 में विधानसभा चुनाव होने वाले है और हर बार की तरह सीटों पर कई दावेदार है। ऐसे में टिकट मिलना बहुत मुश्किल हो जाता है। भाजपा और कांग्रेस में जिसकी उपर अच्छी पहचान वह टिकट ले आता है और जिसे कोई जानने वाला नहीं है वह रह जाता है। ऐसे में आरएलपी की नजर मुख्य रूप से वल्लभनगर, मावली और उदयपुर शहर पर है। मावली से भी भाजपा में टिकट की खासी लिस्ट है और एक पूर्व विधायक तो जी जान से जुटे है। वहां पर भी आरएलपी को फायदा है। उदयपुर शहर में यदि संगठन बदलाव करता है तो ऐसे में यहां पर भी आरएलपी को अच्छा फायदा होगा। ऐसी की ऐसी स्थितियां कांग्रेस में भी हैँ।